लोकसभा चुनाव में अपने पिता ज्योतिरादित्य सिंधियाके लिए चुनाव प्रचार कर रहे महाआर्यमन सिंधिया चर्चा में है.
राजघराने की विरासत और पिता के ओहदे के बावजूद महाआर्यमन सिंधिया ने अपने दम पर अपनी अलग पहचान बनाई है.
राजघराने की परंपराओं से अलग हटकर उन्होंने कारोबार जगत में कदम रखा है. पिता कैबिनेट मंत्री, उन्हें राजनीति तो विरासत में मिली, लेकिन उन्होंने पॉलिटिक्स से हटकर कारोबार जगत में किस्मत आजमाई है.
अपने दोस्त के साथ मिलकर अपना नया स्टार्टअप शुरू किया. महाआर्यमन सिंधिया ने साल 2022 में MYमंडी (MyMandi) नाम से नया स्टार्टअप शुरू किया.
महाआर्यमन MYमंडी के को-फाउंडर हैं. अपने दोस्त सूर्यांश राणा के साथ मिलकर वो कृषि स्टार्टअप कंपनी चला रहे हैं.
हाल ही में उनकी कंपनी MYमंडी ने 5 करोड़ का रेवेन्यू हासिल किया है. उनकी कंपनी किसानों के साथ-साथ लोगों तक ऑनलाइन फूड डिलीवरी करती है.
महाआर्यमन सिंधिया की कंपनी MYमंडी किसानों से ताजे फल और सब्जियां लेकर उन्हें लोगों तक पहुंचाती है. उनकी कंपनी ऑनलाइन एग्रीगेटर के तौर पर काम करती है.
माईमंडी फल और सब्जियां सप्लाई करने के साथ-साथ किसानों को सीधे मार्केट से जोड़ती है. ये कंपनी किसानों से बल्क फल- सब्जियां खरीदती हैं और फिर उसे सब्जी विक्रेताओं और लोगों तक पहुंचाती है.
फिलहाल माईमंडी 4 शहरों जयपुर, ग्वालियर, नागपुर और आगरा में कारोबार कर रही है. धीरे-धीरे इसका विस्तार देशभर में किया जाएगा.
महाआर्यमन ने एक इंटरव्यू में बताया कि वो अपने काम को लेकर बहुत सजग रहते हैं. वो खुद सामान खरीदने मंडी पहुंच जाते हैं.
महाआर्यमन का लक्ष्य है कि वो अपने इस बिजनेस से किसानों की भलाई के साथ-साथ कृषि उपज के अवशिष्ट और लॉजिस्टिक लागत में कटौती करें. उनका लक्ष्य कंपनी का वैल्यूएशन करीब 150 करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है.
महाआर्यमन की माईमंडी पर टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को भी भरोसा है. रतन टाटा ने भी उनकी कंपनी में निवेश किया है.
वो डेटा जुटाने, टेक्नोलॉजी को बढ़ाकर कारोबार के विस्तार में करने में जुटे हैं.
बता दें कि महाआर्यमन सिंधिया राजघराने से ताल्लुक रखते हैं. सिंधिया परिवार ग्वालियर स्थित जयविलास महल में रहता है. इस महल में 400 से अधिक कमरे हैं.
महाआर्यमन सिंधिया की शुरुआती पढ़ाई ज्योतिरादित्य सिंधिया की तरह दून स्कूल से हुई है. उन्हें म्यूजिक और क्रिकेट का बड़ा शौक है.
इन दिनों वो पिता के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं, हालांकि ये पहली बार नहीं है. वो बचपन से ही लोगों को मिलते-जुलते रहे हैं.
फिलहाल उनका फोकस राजनीति से अधिक अपने कारोबार को बड़ा करने पर है.