31 मार्च को ही क्यों खत्म होता है फाइनेंशियल ईयर?
Kriyanshu Saraswat
Mar 29, 2024
1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर
हर साल की तरह इस बार भी 31 मार्च को वित्त वर्ष खत्म होने वाला है और 1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर 2025 शुरू हो जाएगा.
मन में आया होगा सवाल
लेकिन कभी आपके मन में सवाल आया है कि हर साल वित्त वर्ष 31 मार्च को ही पूरा क्यों होता है. यह 31 दिसंबर या और किसी और महीने में खत्म क्यों नहीं होता?
ब्रिटिश काल से चल रहा नियम
1 अप्रैल से नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होने का नियम ब्रिटिश काल से चला आ रहा है. अंग्रेजों की तरफ से ऐसा अपनी सुविधा के लिए किया जाता था.
किसी तरह का बदलाव नहीं किया
देश के आजाद होने के बाद भी इसमें किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया. संविधान में भी एक वित्तीय वर्ष का समय 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक का रखा गया है.
यह भी हो सकता है कारण
भारत कृषि प्रधान देश है, फसल चक्र के मद्देनजर 31 मार्च को क्लोजिंग रखी गई है. इस समय नई फसल लगाने के साथ ही किसान अपनी पुरानी फसल को काटकर बाजार में बेचते हैं.
दिसंबर में इसलिए नहीं होती क्लोजिंग
दिसंबर महीने में क्लोजिंग नहीं होने का कारण यह है कि इस दौरान नॉर्थ इंडिया में फेस्टिव सीजन होने के चलते लोगों का शेड्यूल बिजी रहता है. इस कारण क्लोजिंग में भी दिक्कत होती है.
1 अप्रैल हिंदू नव वर्ष का प्रतीक
कुछ एक्सपर्ट का यह भी मानना है कि देश में 1 अप्रैल हिंदू नव वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है. इस दौरान लोगों की तरफ से अपनी कार्यशैली में बदलाव किया जाता है.
संविधान में उल्लेख नहीं
हालांकि संविधान में ऐसा कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं किया है कि वित्त वर्ष की समय सीमा हर साल 1 अप्रैल से 31 मार्च ही क्यों तय की गई है.
दो टैक्स रिजीम
वित्त वर्ष पूरा होने के बाद आपको हर साल अपनी इनकम पर आयकर का भुगतान करना होता है. मौजूदा समय में आप दो रिजीम के अनुसार टैक्स पे कर सकते हैं.