एक ही घर के चारों भाई-बहन बनें IAS-IPS

Kunal Jha
Nov 14, 2024

दरअसल, हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिलें के रहने वाले मिश्रा परिवार की, जहां एक ही घर के चारों भाई-बहनों ने यूपीएससी क्रैक कर आईएएस व आईपीएस का पद हासिल कर लिया है.

अनिल मिश्रा अपनी पत्नी और चारों बच्चों के साथ दो कमरों के मकान में रहा करते थे. उनके दो बेटे और दे बेटियां हैं, जिनका नाम योगेश, माधवी, लोकेश और क्षमा है.

पिता अनिल मिश्रा का सपना था कि उनके बच्चे सफलता की ऊंचाईयों पर पहुंचे, इसलिए उन्होंने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई में कोई कोताही नहीं बरती. इसलिए उनके बच्चों ने भी पिता के सपने को सच कर दिखाया.

सबसे पहले यूपीएससी की परीक्षा देने का फैसला सबसे बड़े भाई योगेश मिश्रा ने लिया. उन्होंने 2013 में यह परीक्षा दी, जिसके बाद वह एग्जामिनेशन की रिजर्व लिस्ट के तहत चुने गए और उन्हें आईएएस का पद सौंपा गया.

भाई की सफलता के बाद बहन माधवी ने भी इस परीक्षा की तैयारी की और अगले साल 2014 ही 62वीं रैंक हासिल कर आईएएस ऑफिसर बन गईं.

माधवी के साथ ही छोटे भाई लोकेश ने भी यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में अपना हाथ आजमाया और रिजर्व लिस्ट में अपनी जगह भी बना डाली. लेकिन उन्होंने दोबारा परीक्षा देने का मन बनाया और अगले ही साल 2015 में ऑल इंडिया 44वीं रैंक हासिल कर IAS ऑफिसर बन गए.

अब जब घर में तीनों भाई-बहन IAS हों, तो सबसे छोटी बहन क्षमा कहां चुप बैठने वाली थी. उन्होंने भी भाई लोकेश के साथ साल 2015 में अपना पहला अटेंप्ट दिया और 172वीं रैंक हासिल की, जिसके बाद उनका सेलेक्शन डिप्टी एसपी के तौर पर हुआ.

क्षमा अपना पोस्ट से संतुष्ट नहीं थी, इसलिए उन्होंने एक बार फिर यूपीएससी की परीक्षा दी और इस बार उनका सेलेक्शन IPS की पोस्ट के लिए हो गया. अब आज चारों भाई-बहन IAS-IPS बन देश की सेवा कर रहे हैं.

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