भारत का वो भूतिया रेलवे स्टेशन, जहां 42 सालों तक नहीं रुकी कोई ट्रेन

Kunal Jha
Aug 29, 2024

यह कहानी पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले में स्थित बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन की है, जो कई दशकों तक अपनी रहस्यमयी कहानियों के लिए जाना जाता रहा है.

एक भूतिया स्टेशन?

साल 1967 में हुई एक घटना ने इस स्टेशन को एक रहस्यमयी छवि दे दी थी. कहा जाता है कि उस समय स्टेशन मास्टर ने यहां एक भूत देखा था और थोड़े समय बाद उनकी मृत्यु हो गई.

इस घटना के बाद, रेलवे ने इस स्टेशन पर ट्रेनों के रुकने पर पूरी तरह से रोक लगा दी. लगभग 42 साल तक, ट्रेनें इस स्टेशन से गुजरती रहीं, लेकिन यहां कभी नहीं रुकीं.

यहां तक कि ट्रेन के ड्राइवर भी इस स्टेशन को जल्दी से पार करने के लिए ट्रेन की गति बढ़ा देते थे.

ममता बनर्जी का फैसला

साल 2009 में, जब ममता बनर्जी रेल मंत्री बनीं, तो उन्होंने इस स्टेशन को फिर से खोलने का आदेश दिया. हालांकि, शाम 5 बजे के बाद यहां कोई भी यात्री या रेल कर्मचारी रुकने से डरता था. लोग मानते थे कि शाम के समय यहां भूतिया गतिविधियां बढ़ जाती हैं.

अपराध और रहस्य

धीरे-धीरे, इस स्टेशन की रहस्यमयी कहानियों ने कई लोगों को यहां आकर्षित किया. कुछ लोग यहां रोमांच के लिए आते थे, तो कुछ लोग डर को महसूस करने के लिए. इस कारण, यहां अपराध की घटनाएं भी बढ़ने लगीं.

सच्चाई की तलाश

साल 2017 में, पश्चिम बंग बिज्ञान मंच के कुछ सदस्यों ने इस स्टेशन की सच्चाई जानने का फैसला किया. उन्होंने पुलिस के साथ मिलकर इस स्टेशन पर पूरी रात बिताई. उन्होंने वैज्ञानिक उपकरणों की मदद से यहां किसी भी तरह की पैरानॉर्मल गतिविधि को खोजने की कोशिश की, लेकिन उन्हें कुछ भी नहीं मिला.

हालांकि, रात के करीब 2 बजे उन्हें झाड़ियों के पीछे से कुछ अजीब आवाजें सुनाई दीं. जब उन्होंने जांच की तो पाया कि कुछ लोग उन्हें डराने के लिए ऐसा कर रहे थे. इससे यह स्पष्ट हो गया कि इस स्टेशन की भूतिया कहानियां लोगों को डराने के लिए फैलाई गई थीं, ताकि यहां अपराध किए जा सकें.

आज का बेगुनकोडोर स्टेशन

आज, बेगुनकोडोर रेलवे स्टेशन पर पुलिस हमेशा तैनात रहती है और ट्रेनें भी यहां रुकती हैं. इस स्टेशन की रहस्यमयी कहानियां अब इतिहास बन चुकी हैं और यह एक सामान्य रेलवे स्टेशन के रूप में काम कर रहा है.

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