किसी एक हॉल में 15 से ज्यादा एजेंट नहीं हो सकते हैं.
प्रत्येक उम्मीदवार अपने एजेंट का चयन खुद करता है और जिला निर्वाचन अधिकारी को उनका नाम, तस्वीर और आधार कार्ड शेयर करता है.
मतगणना केंद्र के अंदर मतगणना कर्मचारी, रिटर्निंग ऑफिसर, सुरक्षा कर्मी और एजेंट ही जा सकते हैं.
जब तक वोटों की गिनती पूरी नहीं हो जाती, तब तक किसी भी उम्मीदवार के एजेंट को बाहर जाने की इजाजत नहीं मिलती है.
ड्यूटी पर तैनात लोगों के आलावा कोई भी मोबाइल अंदर नहीं ले सकता है.
मतगणना पूरी होने के बाद ईवीएम को दोबारा स्ट्रांग रूम में रख दिया जाता है.
नियम के मुताबिक काउंटिंग के 45 दिनों तक ईवीएम को स्ट्रांग में रूम में ही रखना होता है.
चुनाव आयोग के मुताबिक मतगणना केंद्र के प्रत्येक हॉल में हर टेबल पर उम्मीदवार की तरफ से एक एजेंट मौजूद रहता है.