सीएए का फुल फॉर्म नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act) है.
इस संबंध में सरकार ने 11 मार्च को अधिसूचना जारी की. सीएए को दिसंबर 2019 में संसद ने मंजूरी दी थी. इसके चार साल बाद इसे लागू किया गया है.
CAA के तहत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया ऑनलाइन है. आवेदकों को बताना होगा कि वे भारत कब आए.
सीएए नियम जारी किए जाने के बाद अब 31 दिसंबर 2014 तक बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता दी जाएगी.
10 जनवरी 2020 को राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद ये कानून बना.
इससे पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए उन लोगों को नागरिकता मिल जाएगी जो दिसम्बर 31 2014 से पहले किसी न किसी तरह की प्रताड़ना से तंग होकर भारत आए थे.
सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने वालों को कई डॉक्यूमेंट नहीं देना होगा.
अवैध प्रवासियों को या तो जेल में रखा जा सकता है या फिर विदेशी अधिनियम, 1946 और पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920 के तहत वापस उनके देश भेजा जा सकता है.
इस कानून के तहत उन लोगों को अवैध प्रवासी माना गया है जो भारत में वैध यात्रा दस्तावेज जैसे पासपोर्ट और वीजा के बगैर घुस आए हों.