लोकसभा में आखिरी बार निर्विरोध निर्वाचन डिंपल यादव का हुआ था. डिंपल 2012 उपचुनाव में यूपी की कन्नौज सीट से निर्विरोध सांसद चुनी गई थीं. (Photo : Dimple Yadav/Instagram)
28 ऐसे MP
पहले आम चुनाव 1952 में हुए थे. अब तक, कुल 28 लोकसभा MP ऐसे रहे हैं जो निर्विरोध निर्वाचित हुए. संसद के मुकाबले, विधानसभा में निर्विरोध निर्वाचित होना कहीं ज्यादा आसान है. 1952 के बाद से अब तक, 298 MLA निर्विरोध जीते हैं.
शुरुआती रिकॉर्ड
1952, 1957 और 1967 के आम चुनाव में पांच-पांच सदस्य निर्विरोध निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचे थे. डिंपल से पहले, लोकसभा के लिए आखिरी निर्विरोध निर्वाचन 1995 में हुआ था.
सबसे ज्यादा कांग्रेसी
कांग्रेस के सबसे ज्यादा 20 सांसद निर्विरोध चुने गए हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) और समाजवादी पार्टी (SP) के दो-दो सांसद निर्विरोध निर्वाचित हुए.
बीजेपी कहीं नहीं
बीजेपी का एक भी नेता कभी निर्विरोध चुनकर लोकसभा नहीं पहुंचा. इतिहास में केवल एक बार ऐसा हुआ जब किसी निर्दलीय ने निर्विरोध संसदीय चुनाव जीता हो.
दो खास सीटें
सिक्किम और श्रीनगर लोकसभा सीट पर एक से ज्यादा बार ऐसा हुआ है जब वहां के सांसद निर्विरोध चुन लिए गए. आगे देखिए, निर्विरोध चुने गए नेताओं के नाम.
वाईबी चव्हाण
निर्विरोध निर्वाचित होकर लोकसभा पहुंचने वालों में पूर्व डिप्टी पीएम वाईबी चव्हाण का नाम प्रमुख है.
फारूक अब्दुल्ला
जम्मू और कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख सीएम फारूक अब्दुल्ला को श्रीनगर से निर्विरोध चुना गया था.
एससी जमीर
पूर्व नगालैंड सीएम और चार राज्यों के गवर्नर रह चुके एससी जमीर भी लोकसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए थे.
हरेकृष्ण महताब
ओडिशा के पहले मुख्यमंत्री हरेकृष्ण महताब भी लोकसभा के लिए निर्विरोध चुने गए थे.
सईद और राव
पूर्व केंद्रीय मंत्रियों- पीएम सईद और केएल राव का भी निर्विरोध निर्वाचन हुआ था.
सबसे आगे कौन
जम्मू और कश्मीर ने सबसे ज्यादा, चार बार किसी नेता को निर्विरोध चुनकर लोकसभा पहुंचाया है.
यहां से भी आए
असम, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश को मिलाकर कुल 8 राज्य ऐसे हैं जहां एक से ज्यादा बार निर्विरोध लोकसभा सांसद चुने गए.