कौन थे अकबर के नवरत्न बीरबल? मुगलिया दरबार में कैसे बन गए थे इतने खास

Ritika
Jun 03, 2023

मुगल वंश का तीसरा शासक

अकबर मुगल वंश का तीसरा शासक था और अकबर का पूरा नाम जलालउददीन मुहम्मद अकबर था.

बीरबल पर बेहद भरोसा

अकबर को अपने नवरत्न बीरबल पर बेहद भरोसा था उनका काम करने का तरीका भी सबसे अलग होता है.

बीरबल का जन्म

बीरबल का जन्म 1928 को हिन्दू ब्राह्मण परिवार में हुआ था और उनको शुरु से ही साहित्य और कविताओं का काफी शौक भी था.

कविताएं लिखते थे

बीरबल बेहद कम उम्र से ही कविताएं लिखते थे और अपनी कविताओं से अपना मन मोह लेते थे.

1562 में अकबर के दरबार का हिस्सा

अकबर के दरबार में आने से पहले वह राजा चांद के दरबार में थे फिर 1562 में अकबर ने बीरबल को दरबार का हिस्सा बनाया.

बीरबल की कलाकारी

मुगलिया दरबार में आने के बाद बीरबल ने सभी परेशानियों को अपनी सूझ-बूझ से हटा दी थी.

नौ नवरत्न

अकबर के दरबार में नौ नवरत्न थे और उन नौ नवरत्नो में से बीरबल काफी समझदार था और अकबर को सबसे प्रिय थे.

अहम सलहाकार

बीरबल अकबर के सबसे अहम सलहाकार में से एक थे.

बीरबल की सलाह

अकबर अपने सभी फैसलो को बीरबल की सलाह लेकर ही करते थे.

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