दिल-दिमाग झकझोर कर रख देंगे 'लापता लेडीज' के ये 10 डायलॉग्स, मिनटों में समझा जाएंगे जिंदगी का सबसे जरूरी सबक

Zee News Desk
Sep 25, 2024

बुड़बक होना शर्म की बात नहीं है. बुड़बक होने पर गर्व करना, ये शर्म की बात है.

एक बार घूंघट ले लिया, तो आगे नहीं नीचे देख कर चलना सीखो.

ई देश में लड़की लोगों के साथ हज़ारों सालों से फ्रॉड हो रहा है, उसका नाम है भले घर की बहू-बेटी.

घर की औरतें सास, ननद, देवरानी, जेठानी सभी बन जाती हैं. सहेली नहीं बन पाती एक दूसरे की. अम्मा आप हम सहेली बन सकते हैं का.

खुद के साथ अकेले खुशी से रहना बहुत मुश्किल है, फूल. हां, एक बार सीख लिया तो कोई तुमको तकलीफ नहीं पहुंचा सकता.

औरतों को मर्दों की कौनो खास जरूरत वैसे है नहीं. पर ई बात अगर औरतों तो पता चल गई तो मर्द बिचारा का बाजा ना बज जायेगा.

आप न होती तो हम कभी न मिलते. अगर तू नहीं होती ना तो हमको हम नहीं मिलते.

ये फिजूल काम के लिए समय ही कहां है. कला सरस्वती देती है और देवी मां कोई फिजूल चीज देगी?

हमरी कमाई खाके हम ही को मारे ऊपर से कहे जो प्यार करे है उका मारने का हक होता है. एक दिन हम भी घुमाके हक जता दिए.

10 तो का अब घर में औरतों की पसंद का खाना बनेगा, दिक्कत तो ई है कि हमको अब वो भी याद नहीं कि हमको क्या पसंद है.

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