इन 9 फिल्मों के अंत ने दर्शकों की आंखे कर दी नम, 7वें नंबर वाली देख नहीं रुकेंगे आंसू

Mridula Bhardwaj
Apr 09, 2024

रंग दे बसंती

फिल्म का आखिरी सीन, जहां आमिर खान और उनके दोस्तों की मौत हो जाती है, दर्शकों को रोने पर मजबूर कर देता है.

देवदास

देवदास का पारो की चौखट पर दम तोड़ना किसी की भी आंखों को नम कर सकता है.

शोले

फिल्म के क्लाइमैक्स में अमिताभ बच्चन का धर्मेंद्र की गोद में दम तोड़ना किसी की भी आंखों में आंसू ले आएगा.

हाथी मेरे साथी

फिल्म में जब राजेश खन्ना के हाथी रामू की मौत होती है, तो शायद कोई पत्थर दिल ही होगा, जिसकी आंखों से आंसू ना निकलें.

बाजीराव मस्तानी

फिल्म में बाजीराव (रणवीर सिंह) और मस्तानी (दीपिका पादुकोण) का एक ही वक्त पर अलग-अलग जगह मर जाना रुला देता है.

कल हो ना हो

अमन (शाहरुख खान) का अपनी बीमारी से लड़ते हुए दुनिया को अलविदा कह जाना सबको रुला देता है.

तेरे नाम

निर्जरा (भूमिका) अपनी जान दे देती हैं और राधे (सलमान खान) दोबारा उसी अस्पताल चला जाता है, जहां से भागकर आया होता है.

रांझणा

सोनम कपूर की पूरी साजिश को जानने के बाद भी धनुष का किरदार खुशी-खुशी मौत को गले लगा लेता है, जो दर्शकों की आंखें नम कर जाता है.

आनंद

फिल्म का नायक आनंद (राजेश खन्ना) जिंदगी जीने का सलीका सिखा कर अंत में मर जाता है, लेकिन सबकी आंखों में आंसू छोड़ जाता है.

VIEW ALL

Read Next Story