आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने 1952 में फेमस अमेरिकन ब्रिटिश वायलिनिस्ट येहुदी मेनुहिन को इंडिया में कॉन्सर्ट करने के लिए बुलाया था.
इन कंसर्ट्स का मुख्य लक्ष्य था प्रधानमंत्री राहत फण्ड के लिए पैसे इकठ्ठा करना.
इसी दौरान एक दिन AIR के डायरेक्टर-जनरल के घर मुख्य अतिथि येहुदी मेनुहिन के लिए परफॉर्म करने पहुंचे पंडित रवि शंकर, और यहां दोनों दोस्त बन गए.
इसके बाद 1966 के UK बाथ फेस्टिवल में दोनों ने पहली बार एक साथ मंच साझा किया.
ये परफॉरमेंस इतनी पॉपुलर हुई कि लोग इनकी जोड़ी के दीवाने हो गए.
इन दोनों की परफॉरमेंस के बाद में एक Trilogy बनी जिसका नाम रखा गया ‘West Meets East’.
‘West Meets East’ एल्बम इतनी पॉपुलर हुई कि 1967 में पंडित रवि शंकर और येहुदी मेनुहिन को ‘Best Chamber Music Performance’ के लिए Grammy Award मिला. ये इंडिया का पहला Grammy Award था.
इसके 6 साल बाद बांग्लादेश में कॉन्सर्ट करने के लिए George Harrison के साथ Album of The Year का खिताब मिला.
1986 से 1992 तक महान सितार वादक और म्यूजिशियन पंडित रवि शंकर राज्य सभा सदस्य भी रहे.