कुमार विश्वास के दिल छू लेने वाले शेर, जो आपने पहले नहीं सुने होंगे

Zee Hindustan Web Team
Jan 04, 2025

उसी की तरह मुझे सारा ज़माना चाहे, वो मिरा होने से ज़्यादा मुझे पाना चाहे

दिल के तमाम ज़ख़्म तिरी हां से भर गए, जितने कठिन थे रास्ते वो सब गुज़र गए

मिरा ख़याल तिरी चुप्पियों को आता है, तिरा ख़याल मिरी हिचकियों को आता है

जब से मिला है साथ मुझे आप का हुज़ूर, सब ख़्वाब ज़िंदगी के हमारे संवर गए

आदमी होना ख़ुदा होने से बेहतर काम है, ख़ुद ही ख़ुद के ख़्वाब की ताबीर बन कर देख ले

फिर मिरी याद आ रही होगी, फिर वो दीपक बुझा रही होगी

अपने ही आप से इस तरह हुए हैं रुख़्सत, सांस को छोड़ दिया जिस सम्त भी जाना चाहे

चारों तरफ़ बिखर गईं सांसों की ख़ुशबुएं, राह-ए-वफ़ा में आप जहां भी जिधर गए

Disclaimer

यहां दिए गए शेर कुमार विश्वास द्वारा रचित हैं. Zee Bharat ने इन्हें इंटरनेट से लिया है.

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