जब इन क्रिकेटर्स को डायबिटीज का पता चला

Oct 20, 2024

डायबिटीज एक बेहद जटिल बीमारी है, जिसके साथ जीना आसान नहीं होता.

इस बीमारी में हमेशा ये डर लगा रहता है कि कहीं शुगर लेवल बढ़ या घट न जाए

लेकिन कई क्रिकेटर्स इस बीमारी के साथ भी बेफिक्र होकर जी रहे हैं.

आइए जानते हैं कि वो कौन-कौन से क्रिकेटर हैं जिन्हें डायबिटीज तो है, लेकिन कोई फिक्र नहीं

क्रेग कमिंग (Craig Cumming)

न्यूजीलैंड के दिग्गज क्रेग कमिंग को टाइप-1 डायबिटीज है जिसका पता उन्हें साल 2006 में लगा था, उन्हें डर था कहीं कहीं उनका क्रिकेट करियर खत्म न हो जाए, लेकिन उन्होंने कीवी टीम के लिए 23 इंटरनेशनल मैच खेले.

क्रेग मैकमिलन (Craig McMillan)

न्यूजीलैंड के मशहूर क्रिकेटर क्रेग मैकमिलन को 15 साल की उम्र में डायबिटीज होने का पता लगा था, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने खुद को फिट रखा और इंटरनेशनल क्रिकेट में कामयाबी हासिल की.

वसीम अकरस (Wasim Akram)

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान वसीम अकरम को टाइप-1 डायबिटीज का पता तब चला था जब साल 1997 में वो एक टेस्ट सीरीज खेल रहे थे, लेकिन शुगर होने के बावजूद उन्होंने क्रिकेट खेलना जारी रखा, और आज भी वो फिट हैं.

कपिल देव (Kapil Dev)

कपिल देव भारत को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव को पिछले डेढ़ दशक से डायबिटीज है, लेकिन वो डेली फिटनेस रूटीन फॉलो करते हुए खुद को सेहतमंद रखते हैं.

ड्रिक वेलहैम (Dirk Wellham )

ड्रिक वेलहैम उन क्रिकेटर्स में शामिल हैं जिन्होंने डायबिटीज होने के बावजूद क्रिकेट खेलना जारी रखा, अपने 6 साल के करियर में उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए 22 इंटरनेशनल मैचेज में 636 रन बनाए.

जॉन मैक्लॉरेन (John McLaren)

हालांकि एक ऐसे भी क्रिकेटर हैं जो डायबिटीज की जंग हार गए थे, उनका नाम है जॉन मैक्लॉरेन, जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया के लिए एक टेस्ट मैच खेला, लेकिन इस बीमारी की वजह से साल 1921 में उनका निधन हो गया.

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