ज़ीरो (2018)

ज़ीरो को अपनी बड़ी कथा और ऑडियंस की उम्मीद के बीच बैलेंस बनाने के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ा, जिसकी वजह से स्टार- स्टडेड एक्टर्स के बावजूद इसका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा.

Nov 03, 2023

जब हैरी मेट सेजल" (2017)

जब हैरी मेट सेजल को अपनी कमज़ोर कहानी के लिए क्रिटिसिज़्म का सामना करना पड़ा शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा की ऑन- स्क्रीन केमिस्ट्री के बावजूद दर्शकों के साथ तालमेल बिठाने में कामियाब नही रही

फैन (2016)

फैन ने डुअल करैक्टर में खान की एक्टिंग एबिलिटी का प्रदर्शन किया, लेकिन अपने अलग प्लाट के कारण ऑडियंस के साथ तालमेल नहीं बिठा सका, जिससे यह बॉक्स ऑफिस पर नहीं टिक सकी.

दूल्हा मिल गया (2010)

ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर गति हासिल करने में असफल रही इसकी कमज़ोर स्क्रिप्ट और परफॉरमेंस के कारण, जो ऑडियंस की उम्मीदों पर खड़ी ना उतर सकी.

बिल्लू बारबार (2009)

खान के बेहतरीन प्रदर्शन के बावजूद, "बिल्लू बारबार" को कड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा और बाकि रिलीज़ों के सामने कमज़ोर प्रदर्शन किया गया.

'स्वदेस' (2004)

'स्वदेस', हालांकि एक अच्छी तरह से तैयार की गयी फ़िल्म थी, लेकिन इसे बॉक्स ऑफिस पर कमर्शियल सक्सेस नहीं मिला, लेकिन इसकी मज़बूत कहानी और देशभक्ति विषय की वजह से इसे एक क्लासिक माना जाता है.

'ये लम्हे जुदाई के' (2004)

'ये लम्हे जुदाई के' का कमज़ोर प्रोडक्शन दर्शकों की रूचि को पकड़ने में असफल रहा, जिससे इसके कमजोर प्रदर्शन में योगदान हुआ.

'शक्ति: द पावर' (2002)

'शक्ति: द पावर' को मिक्स्ड रविउज़ का सामना करना पड़ा और हिट नहीं हो सकी शाहरुख खान और करिश्मा कपूर की मौजूदगी में भी कमर्शियल सक्सेस नहीं मिल पाया

'अशोका' (2001)

अशोका' ने खान की एक्टिंग शमता को प्रदर्शित किया, लेकिन वैसा प्रदर्शन नहीं किया जो ऑडियंस को भाता. इसमें ऐतिहासिक रूप से खामिया भी पाई गयी थीं.

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