इस मुगल बादशाह की अस्थियों क्यों जलाया गया था, किसने किया था श्राद्धकर्म

Preeti Pal
Jun 20, 2023

औरंगजेब

भले ही मुगल बादशाह औरंगजेब ने तख्त पर कब्जा जमा लिया था, लेकिन कट्टरपंथता उसकी सबसे बड़ी दुश्मन बन गई

विरोध

औरंगजेब के दो साल के शासन के बाद ही राजस्थान मालवा, बुंदेलखंड में उसकी कट्टरपंथी का विरोध शुरू हो गया था.

विद्रोह का दमन

औरंगजेब विद्रोहों का दमन करता रहा, मगर वो इसे कभ खत्म नहीं कर पाया. उस वक्त जाटों का विद्रोह सबसे ज्यादा प्रभावी रहा

राजाराम जाट

सिंसनी के राजाराम जाट ने मुगलों की नाम में दम कर दिया था

अकबर की कब्र को

राजाराम जाट ही वो शख्स थे जिन्होंने अकबर की कब्र खुदवाकर उसकी अस्थियों को जला दिया था. उसका हिंदू रीति रिवाज से श्राद्ध कर्म भी किया था.

हिंदू रीति रिवाज

इतना ही नहीं राजाराम जाट ने अकबर का हिंदू रीति रिवाज से श्राद्ध कर्म भी किया था.

राजनीतिक महत्व

औरंगजेब ने 1656 में मुगलिया सल्तनत की बागडोर संभाली थी लेकिन तब तक जाटों का कोई राजनीतिक महत्व नहीं था

कट्टरपंथ

लेकिन औरंगजेब के कट्टरपंथ से परेशान होकर जाट बहुत उत्तेजित हो गए.

किसानों का विद्रोह

ऐसे में पहला विद्रोह 1669 में हुआ था जो जाट किसानों ने किया था.

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