किसी बेगम या रानी का खास बनने के लिए हरम में कत्ल तक हो जाते थे
बाबर
इतिहासकारों का मानना है कि अपने दौर में बाबर ने मुगर हरम की शरूआत की थी
रंगरलियां
कहा जाता है कि मुगल हरम में 24 घंटे रंगरलियां चलती रहती थीं. वहीं, कहा जाता है कि अकबर के बेटे जहांगीर के हरम में औरतों का अपनी परेशानियों के बारे में बात करना भी मना था
हरम का नियम
वहां की औरतों का एक ही काम था बादशाह को यौन सुख देना
औरतों की संख्या
हरम में इतनी ज्यादा औरतें होती थीं कि बहुत सी महिलाओं का बादशाह के नजदीक जाना ही नहीं होता था
अकेली औरतें
ऐसे में अकेले रहने वाली औरतें मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार हो जाती थीं
शारीरिक जरूरतें
ये औरतें पूरी जवानी शारीरिक सुख से वंचित रह जाती हैं और बुढ़ापे में अपने मरने का इंतजार करती हैं
बीमारी का बहाना
कई बार तो हरम की औरतें बीमारी का बहाना बनाकर हकीमों को छूने का बहाना ढूंढती थीं