अरविंद केजरीवाल को ईडी ने भले ही गिरफ्तार कर लिया है, लेकिन संविधान के मुताबिक मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने का कोई भी प्रावधान नहीं है.
भारत के संविधान में इस स्थिति को स्पष्ट नहीं किया गया है, कि गिरफ्तार शख्स CM पद पर रह सकता है या नहीं.
कानून में ये बताया गया है, कि दोषी साबित होने से पहले कोई भी नेता जेल में रहते हुए मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद या विधायक बने रह सकता है.
साथ ही कहा गया है, कि जेल से ही वह सरकार को भी चला सकता है.
देश में ऐसा कोई कानून नहीं है. जो किसी पार्टी और मुख्यमंत्री को जेल से सरकार चलाने से रोकता हो.
इस हिसाब से सीएम केजरीवाल को जेल से दिल्ली की सरकार चलाने में कानूनी रूप से कोई अड़चन नहीं होनी है.
जन प्रतिनिधित्व कानून की धारा-आठ, उपबंध-तीन एक विधायक की अयोग्यता से संबंधित है, जिसमें प्रावधान है, कि यदि किसी जनप्रतिनिधि को किसी अपराध के लिए दोषी ठहराया जाता है और दो साल या उससे अधिक की सजा दी जाती है.
इसमें कहा गया है कि ऐसे जनप्रतिनिधि अपनी रिहाई के बाद छह साल की अवधि के लिए अयोग्य करार दिये जाएंगे.
संविधान के article- 361 के तहत केवल राष्ट्रपति और राज्यपाल को गिरफ्तारी और अदालत के समक्ष कार्यवाही से छूट दी गई है.
प्रधानमंत्री और किसी राज्य के मुख्यमंत्री को ऐसी कोई छूट नहीं दी जाती है.