क्या मरने के बाद मोबाइल का फिंगरप्रिंट लॉक खोल सकते हैं?

Zee News Desk
Nov 15, 2023

फिल्मों में देखा होगा

आपने फिल्मों में देखा होगा कि विलेन किसी को जान से मारने के बाद जायदाद के कागजात पर उसके अंगूठे के निशान ले लेता है.

हर जगह फिंगरप्रिंट

आज कल तो हर जगह फिंगरप्रिंट लगते हैं. आधार कार्ड, बैंक KYC यहां तक कि मोबाइल को ऑन करने के किए तक फिंगरप्रिंट की जरूरत पड़ती है.

इंसान की मौत

लेकिन अगर किसी इंसान की मौत हो जाए तो क्या उसके फिंगरप्रिंट काम करेंगे?

फिंगरप्रिंट बदल जाते हैं

आपको बता दें कि इंसान की मौत के बाद उसके फिंगरप्रिंट वैसे नहीं रहते. वे बदल जाते हैं.

इलेक्ट्रिकल चार्ज खत्म

बदलने से पहले भी आप फिंगरप्रिंट का इस्तेमाल नहीं कर सकते क्योंकि मरते ही मानव शरीर में इलेक्ट्रिकल चार्ज खत्म हो जाता है. उस इलेक्ट्रिकल चार्ज से ही शरीर का कोशिका तंत्र काम करता है.

ब्लर हो जाते हैं फिंगरप्रिंट

मृत्यु से पहले आपके फिंगरप्रिंट्स जितने साफ होते हैं और उन्हें समझा जा सकता है. लेकिन मृत्यु के बाद वैसा नहीं रह जाता, वो ना केवल बदल जाते हैं बल्कि काफी हद तक ब्लर और अस्पष्ट हो जाते हैं.

राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी

राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी के 14 जुलाई, 2015 संस्करण में प्रकाशित एक स्टडी में पाया गया कि प्रिंटिंग के दो सेटों के बीच समय अंतराल बढ़ने के साथ फिंगरप्रिंट पहचान कम विश्वसनीय हो जाती है.

ऐसे फिंगरप्रिंट लेना होता है

अगर इंसान को मरे ज्यादा समय हो गया हो या फिर शव गल गया हो तो उसके फिंगरप्रिंट लेना बहुत मुश्किल हो जाता है. ऐसे में फिंगरप्रिंट केवल फोरेंसिक एक्सपर्ट आधुनिक लैब में ही ले सकते हैं.

सिलिकॉन पुट्टी का इस्तेमाल

हालांकि ऐसा नहीं है कि मृत व्यक्तियों के फिंगरप्रिंट से कुछ पता नहीं लग सकता बल्कि एक ही व्यक्ति के जिंदा रहने और मरने के बाद फिंगरप्रिंट में एक खास तरह की सिमैट्री होती है. मृत व्यक्ति का प्रिंट लेने के लिए सिलिकॉन पुट्टी का इस्तेमाल किया जाता है.

मोबाइल का फिंगरप्रिंट लॉक

मोबाइल में फिंगरप्रिंट सेंसर टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस होती है कि वो एक मरे और एक जीवित व्यक्ति के बीच के अंतर को तुरंत पकड़ लेता है. इसलिए किसी मृत व्यक्ति के फिंगरप्रिंट से लॉक नहीं खोल सकते हैं.

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