दिवाली तो आ गई, पर क्या आपको पता है कहां है पटाखों की राजधानी?

Vinay Trivedi
Nov 11, 2023

क्यों कहा जाता है पटाखों का शहर?

पटाखों की राजधानी किस शहर को कहते हैं, उससे पहले ये जान लेते हैं कि ये शहर पटाखों का शहर क्यों कहा जाता है?

इस शहर में हैं पटाखे की 400 फैक्ट्रियां

दरअसल, भारत में सबसे ज्यादा पटाखे इसी शहर में बनाए जाते हैं. यहां पटाखों की 400 से ज्यादा फैक्ट्रियां हैं.

कहां है पटाखों का शहर?

बता दें कि यह जगह तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई से करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर है. यहीं से पूरे देश में पटाखों की 90% सप्लाई होती है.

क्या है पटाखों के शहर का नाम?

जान लें कि पटाखों की फैक्ट्री के नाम से जाने वाले इस शहर को शिवकाशी कहते हैं. यहां करीब 300 दिन पटाखे बनाने का काम चलता रहता है.

किसने शिवकाशी को बनाया पटाखा सिटी?

गौरतलब है कि शिवकाशी के पटाखों की राजधानी बनने की कहानी भी बड़ी दिलचस्प है. इसे पटाखों का शहर बनाने के पीछे 2 भाइयों का हाथ है.

दो भाइयों को क्यों दिया जाता है क्रेडिट?

शिवकाशी का पटाखा सिटी का क्रेडिट शनमुगा नादर और अय्यर नादर को जाता है. इन दो भाइयों ने ही शिवकाशी में पहली पटाखा फैक्ट्री लगाई थी.

पटाखा सिटी बनने की कहानी?

बता दें कि इन दोनों को शुरुआत से ही पटाखा बनाने का काम नहीं आता है. ये दोनों माचिस और पटाखा बनाना सीखने के लिए कोलकाता गए थे.

कब लिया पटाखा फैक्ट्री लगाने का फैसला?

पटाखा बनाना सीखने के बाद दोनों नादर भाइयों ने सोचा कि इसका काम तो अपने वहां भी शुरू किया जाता है. और फिर उन्होंने शिवकाशी में पहली पटाखा फैक्ट्री लगाई.

पटाखे जलाने से बढ़ता है एयर पॉल्यूशन

जान लें कि दिवाली समेत तमाम मौकों पर भारत में लोग पटाखे जलाकर खुशी मनाते हैं. हालांकि, एयर पॉल्यूशन के चलते इस बार पूरे देश में पटाखे जलाने से परहेज करने की अपील की गई है.

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