उज्बेकिस्तान से आकर भारत पर 300 वर्ष तक राज करने वाले मुगल हमलावरों के बारे में आपने किताबों में खूब पढ़ा होगा.
अपनी सत्ता को जमाने के लिए मुगलों ने हद दर्जे तक क्रूरता को पार किया. इस दौरान बेरहमी के साथ हिंदुओं का दमन किया गया.
अपने राज में मुगलों ने हजारों की संख्या में हिंदू मंदिर तोड़े और लाखों लोगों को इस्लाम अपनाने को मजबूर कर दिया.
भारत पर कब्जा करने वाले मुगल बादशाह आखिर कितने पढ़े लिखे थे. इसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं.
आज हम आपको बाबर से लेकर बहादुर शाह जफर तक की शिक्षा के बारे में आपको बताने जा रहे हैं.
भारत में मुगल वंश की स्थापना करने वाला बाबर चगताई तुर्किक भाषा बोलता था. उसने इस्लामी इतिहास, साहित्य और शासन कला में शिक्षा ली.
बाबर का बेटा हुमायूं ने फारसी भाषा सीखी और इस्लामी धर्मशास्त्र की पढ़ाई की. खगोल विज्ञान में उसकी गहर दिलचस्पी थी.
हुमायूं का बेटा अकबर पढ़ा लिखा नहीं था लेकिन उसने शिक्षित लोगों का समूह अपने दरबार रखा हुआ था, जो उसे सलाह देता था.
अकबर के बेटे जहांगीर ने इस्लामी इतिहास, साहित्य के अलावा तीरंदाजी और घुड़सवारी की भी ट्रेनिंग हासिल की थी.
शाहजहां ने मार्शल आर्ट, इतिहास और साहित्य की शिक्षा ली थी. उसे संगीत और मुशायरे का भी गहरा शौक था.
औरंगजेब कट्टरपंथी था. उसने शरिया कानून की पढ़ाई की और हिंदुओं को जबरन इस्लामी कानूनों को मानने के लिए मजबूर किया.
बहादुर शाह प्रथम अरबी-फारसी भाषा का अच्छा जानकार था. उसने इस्लामी धर्मशास्त्र, न्यायशास्त्र और साहित्य की शिक्षा ली थी.