भारत के 5 सबसे शक्तिशाली हिंदू राजा, इनके नाम से मुगल-अंग्रेज भी खाते थे खौफ
Sumit Rai
Oct 01, 2023
महाराणा प्रताप
महाराणा प्रताप (Maharana Pratap) मेवाड़ के सिसोदिया राजपूत वंश के एक महान राजा थे. महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को कुंभलगढ़ के कच्छवाहा गांव में हुआ था और वह उच्च संस्कृतिक मूल्यों को महत्व देते थे. वे महान योद्धा थे और हर मुश्किल में लड़ने के लिए तैयार रहते थे. उन्होंने हल्दीघाटी की लड़ाई में भारी ताकत के बावजूद वीरता दिखाई थी.
25 सालों तक लड़ा युद्ध
महाराणा प्रताप के शासनकाल में मुगल सम्राट अकबर ने उनके राज्य पर आक्रमण किया था, जो अगले 25 सालों तक चलता रहा. उनके साथ मेवाड़ के अन्य राजाओं ने भी मुगलों के साथ मिलकर युद्ध लड़ा.
पृथ्वीराज चौहान
पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chauhan) 12वीं शताब्दी में चौहान राजवंश के एक महान राजा थे. पृथ्वीराज चौहान ने अपने शासनकाल में बहुत सारी विजय हासिल की थीं. उन्होंने मोहम्मद गोरी के साथ कई युद्ध लड़े थे, जिनमें उन्हें विजय मिली थी.
संस्कृति का विकास
पृथ्वीराज चौहान (Prithviraj Chauhan) ने अपने शासन काल के दौरान संस्कृति, कला और साहित्य का खूब विकास किया था. उनके शासनकाल में उनके द्वारा लिखित ग्रन्थ 'पृथ्वीराज रासो' विख्यात हुआ था. इस ग्रंथ में राजनीति, संस्कृति और धर्म के विषयों पर व्यापक चर्चा की गई थी.
समुद्रगुप्त
समुद्रगुप्त (Samudragupta) चंद्रगुप्त द्वितीय (Chandragupta II) के पुत्र थे और भारत के गुप्त वंश के एक महान शासक थे. उन्हें पश्चिमोत्तर भारत का सबसे महान शासक माना जाता है. समुद्रगुप्त का राज्यकाल 335 CE से 380 CE तक था. उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कई सफल युद्ध लड़े और अपनी सत्ता का क्षेत्र विस्तार किया. इसलिए, उन्हें 'भारत का नेपोलियन' कहा जाता है.
कृष्णदेव राय
कृष्णदेव राय (Krishnadevaraya) विजयनगर साम्राज्य के एक प्रसिद्ध शासक थे और उनके शासनकाल विजयनगर के स्वर्ण युग के रूप में जाना जाता है. उनका शासन 1509 से 1530 तक था. उन्होंने विजयनगर को एक संस्कृति केंद्र बनाने के लिए अनेक कलाकृतियों का समर्थन किया.
कवि भी थे कृष्णदेव राय
कृष्णदेव राय (Krishnadevaraya) एक उत्कृष्ट कवि थे और उनके द्वारा लिखित अनेक काव्य और नाटक भारतीय साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. उन्होंने अपने शासनकाल में विजयनगर साम्राज्य को एक समृद्ध और शांतिपूर्ण सम्राज्य बनाने के लिए अनेक उपाय किए.
अशोक मौर्य
अशोक मौर्य (Ashoka Maurya) भारत के मौर्य वंश के तीसरे शासक थे और वो सम्राट चंद्रगुप्त मौर्य के पोते थे. अशोक मौर्य का शासन 268 BCE से 232 BCE तक था. अशोक मौर्य एक प्रख्यात शासक थे, जिन्होंने अपने जीवन के दौरान अनेक युद्ध लड़े और अपनी सत्ता का क्षेत्र विस्तार किया.
अशोक मौर्य के काम
अशोक मौर्य (Ashoka Maurya) ने अपने जीवन के बाद से बौद्ध धर्म को अपनाया और अपने शासनकाल के दौरान अनेक धर्मिक और सामाजिक सुधार किए. उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान कई योजनाएं आरंभ कीं जैसे अशोक स्तंभ का निर्माण और सरकारी अस्पतालों और पशुशालाओं की व्यवस्था की.