वो हिंदू राजकुमारी, जिसकी मुगल हरम में दे दी थी जान

Rachit Kumar
May 17, 2023

मुगलों ने भारत में 300 साल से ज्यादा वक्त तक राज किया. इस सल्तनत की कई ऐसी दर्दनाक कहानियां हैं जो इतिहास के पन्नों में दफ्न हैं.

मुगल हरम के रहने वाली रानियों, दासियों और कनीजों की जिंदगी के बारे में भी काफी बातें लिखी गई हैं.

लेकिन आज हम आपको ऐसी हिंदू राजपूत रानी के बारे में बताएंगे, जिसकी जिंदगी नरक जैसी हो गई थी.

ये रानी थी जहांगीर की पहली पत्नी मानबाई, जिसे 'शाह बेगम' के नाम से जाना जाता था.

1570 में पैदा हुई मान बाई की शादी अकबर के बड़े बेटे सलीम से 1585 में हुई थी.

मान बाई भगवान दास की बेटी और आमेर के राजा व अकबर के सेनापति मान सिंह की बहन थीं.

सलीम और मानबाई की शादी मुगलिया इतिहास की सबसे आलीशान शादियों में से एक थी.

मान बाई का दहेज दो करोड़ चांदी के सिक्कों का था. इसके अलावा हाथी-घोड़े, सोने के जवाहरात भी दिए गए थे.

कहा जाता है कि शादी होने के बाद रास्तों पर इतने बेशकीमती जवाहरात थे कि लोग उठाते-उठाते थक गए थे.

मान बाई और सलीम के दो बच्चे हुए. बड़ी बेटी थी सुल्तान उन निसा और बेटे का नाम था खुसरो मिर्जा.

मानबाई के मन में सलीम के लिए बेशुमार मोहब्बत थी. सलीम भी मान बाई की बहुत इज्जत करता था.

तुज़्क-ए-जहांगीरी में जहांगीर ने लिखा है कि मानबाई उनके सिर के एक बाल के लिए सैकड़ों भाई और बच्चों की कुर्बानी दे सकती थी.

मान बाई ने हमेशा बेटे खुसरो मिर्जा को पिता के लिए प्रति वफादार रहने को कहा. लेकिन उसकी हर कोशिश नाकाम रही.

खुसरो और भाई माधो सिंह की जहांगीर के प्रति बढ़ती बदतमीजी वह बर्दाश्त नहीं कर पाई और डिप्रेशन में चली गई.

एक दिन जहांगीर जब शिकार पर गया तो 34 साल की उम्र में मान बाई ने चोरी करके भारी मात्रा में अफीम खाकर जान दे दी.

जब जहांगीर को उसकी मौत की खबर मिली तो वह अंदर से टूट गया और उसने गहरे अघात में उसने 4 दिन खाना नहीं खाया.

VIEW ALL

Read Next Story