बेगम के इशारों पर नाचते थे ये मुगल बादशाह

Rachit Kumar
Jun 24, 2024

मुगलों का भारत में 3 शताब्दी से ज्यादा समय तक शासन रहा है.

हर बादशाह ने अपने समय में ऐसे कई आदेश दिए, जिन्होंने इतिहास की दशा और दिशा ही पलट दी.

लेकिन कई बादशाह ऐसे भी हुए, जिन्होंने अहम सलाह में सिर्फ अपने मंत्रियों ही नहीं बल्कि पत्नियों को भी आगे रखा.

अगर यूं कहें कि ये मुगल बादशाह जोरू के गुलाम थे, तो गलत नहीं होगा.

पहला नाम आता है मुगल वंश की नींव रखने वाले बाबर के बेटे हुमायूं का.

हुमायूं

हुमायूं अकसर अपने फैसलों में अपनी बेगम हमीदा की सलाह लिया करते हैं. हुमायूं काल में हमीदा बेहद ताकतवर मल्लिका हुआ करती थीं.

अकबर

बादशाह अकबर के दरबार में भले ही नवरत्न थे. लेकिन वह कोई निर्णय लेने से पहले अपनी पत्नी जोधाबाई से मशविरा जरूर करते थे.

जहांगीर

अकबर के बड़े बेटे सलीम यानी जहांगीर सत्ता और शराब के नशे में चूर रहते थे. इसलिए राजकाज उनकी पत्नी नूरजहां देखा करती थीं.

खिज्रख्वाजा खां

बाबर की बेटी के शौहर का नाम था खिज्रख्वाजा खां. उनकी सल्तनत में भी गुलबदन बेगम से सलाह लिए बिना काम नहीं होता था.

शाहजहां

ताजमहल बनवाने वाले बादशाह शाहजहां भी जरूरी समय पर अपनी बेगम मुमताज की सलाह लेते थे.

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