आखिर में नहीं एकजुट हो पाया INDIA का कुनबा, कैसे रुकेगी मोदी लहर
Gaurav Pandey
Feb 15, 2024
लोकसभा चुनाव से पहले विपक्ष के एकजुट होने की उम्मीदें धूमिल हो गई हैं. हालत यह हो गई कि फारूख अब्दुल्ला भी अब इंडिया गठबंधन का हिस्सा बनने से कतरा रहे हैं. मतभेद और नेतृत्व की कमी के कारण एक मजबूत गठबंधन नहीं बन पाया तो अब मोदी लहर कैसे रुकेगी.
असल में विपक्ष के पास नेतृत्व का अभाव रहा. विपक्ष में कोई स्पष्ट नेता नहीं, जो सभी दलों को एकजुट कर सके. गठबंधन बनाने वाले नीतीश खुद मोदी के पाले में चले गए.
वहीं राहुल गांधी, तेजस्वी यादव, ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल जैसे नेता अपनी पार्टियों के लिए भले ही लोकप्रिय हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर वे एकजुट नहीं हो पाए. ऐसे में सबने एकला चलो का फैसला कर लिया
इसका एक कारण यह रहा कि क्षेत्रीय दलों के बीच विचारधारा और नीतिगत प्राथमिकताओं के अलावा सीट शेयरिंग का मामला भी फंस गया था. एक्सपर्ट्स का यह भी मानना रहा कि कुछ नेता अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं को गठबंधन से ऊपर रख रहे थे.
बीजेपी का संगठन मजबूत है और उसके पास पीएम मोदी के तौर पर राष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत नेता है. अब शायद मुश्किल ही है कि मोदी लहर का सामना विपक्ष कर पाएगा. अयोध्या राम मंदिर उद्घाटन के बाद यह मामला और भी एकतरफा होता जा रहा है.