दुनिया रहस्यों से भरी हुई है. खासकर जब सांप काट ले तो इंसान को पता नहीं चलता कि आखिर करना क्या है.
लेकिन झारखंड में आदिवासी आज भी ऐसी औषधियों के बारे में जानते हैं, जिससे बाकी दुनिया महरूम है.
लेकिन एक फल ऐसा भी है, जिसको लेकर आदिवासी मानते हैं कि इससे सांप-बिच्छू का प्रभाव कम होता है.
इस फल का नाम है आषाढ़ी फल, जिसे सामान्य तौर पर नहीं खाया जाता.
यह फल मिलता है बोकारो के जंगलों में स्थित कांटेदार छोटे पेड़ों पर.
आदिवासियों का मानना है कि यह चमत्कारी फल है. इसका साइंटिफिक नेम है मेयरा लैक्सीफलोरा.
लोगों का कहना है कि पहले के समय में लोग खेतों में जाने से पहले इस फल को खाते थे.
वह मानते थे कि इस फल को खाने के बाद अगर खेतों में काम करने के दौरान बिच्छू या सांप काट ले तो जहर का असर कम हो जाएगा.
अकसर जंगलों में आदिवासियों का पाला सांप या बिच्छू से पड़ता रहता है.
हालांकि आयुर्वेद के डॉक्टर मानते हैं कि यह केवल आदिवासियों की मान्यता है. इस फल में जहर को कम करने की ताकत नहीं है.
उनका कहना है कि आषाढ़ी फल पाचन की शक्ति को बढ़ाने में मदद करता है. इसकी तासीर गर्म होती है.