कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजा है. वह बीजेपी ज्वाइन करने जा रहे हैं. उनसे पहले भी कई जज राजनीति में उतरे हैं.
के एस हेगड़े
के एस हेगड़े ने जज बनने के लिए राज्यसभा से इस्तीफा दिया था. सुप्रीम कोर्ट के जज भी रहे. फिर इस्तीफा देकर बेंगलुरु नॉर्थ से जनता पार्टी के सांसद चुने गए. उन्हें लोकसभा का स्पीकर बनाया गया था.
बहारुल इस्लाम
अदालत से होकर सियासत तक पहुंचने वालों की लिस्ट बड़ी लंबी है. बहारुल इस्लाम कांग्रेस से राज्यसभा गए थे, फिर गौहाटी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में जज रहे. रिटायरमेंट से ठीक पहले इस्तीफा देकर फिर राज्यसभा पहुंचे.
वीआर कृष्ण अय्यर
विधायक से हाई कोर्ट के जज और फिर सुप्रीम कोर्ट में जज बनने वाले वीआर कृष्ण अय्यर ने 1987 का राष्ट्रपति चुनाव लड़ा. वह विपक्ष के साझा उम्मीदवार थे.
मोहम्मद हिदायतुल्ला
मोहम्मद हिदायतुल्ला इकलौते ऐसे भारतीय हैं जो चीफ जस्टिस, राज्यसभा के सभापति (उपराष्ट्रपति के रूप में) और कार्यकारी राष्ट्रपति के पद पर रहे हैं.
रंगनाथ मिश्रा
1991 में सीजेआई के पद से रिटायर होने वाले जस्टिस रंगनाथ मिश्रा को कांग्रेस ने 1998 में राज्यसभा भेजा था. उनके बाद, 2020 में पूर्व सीजेआई रंजन गोगोई को राष्ट्रपति ने राज्यसभा के लिए मनोनीत किया.