इस मुगल शासक ने करवा दिया था सूफी संत का सिर धड़ से अलग!

Zee News Desk
Jun 24, 2023

सरमद काशानी अपने समय के बहुत लोकप्रिय संत थे.

वे उम्र के आखिरी दौर में निर्वस्त्र रहने लगे थे.

सूफी सरमद पहले कलमे का सिर्फ ला इलाहा पढ़ते थे.

ला इलाहा का अर्थ है- कोई खुदा नहीं है.

मुगल साम्राज्य के काजी ने औरंगजेब तक जब ये बात पहुंचाई

औरंगजेब ने सूफी सरमद के कत्ल का आदेश जारी कर दिया

जामा मस्जिद के सीढ़ियों के नीचे सूफी सरमद का सिर कलम कर दिया गया

उसी जगह पर सूफी सरमद की मजार बना दी गई

हजारों मुरीद उनकी मजार पर माथा टेकते हैं

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