हरम की औरतों को खुश करने के लिए मुगल बादशाह बनवाते थे ये खास पकवान!

Saumya Tripathi
Aug 14, 2024

डच व्यापारी मैनरिक ट्रैवल्स ऑफ फ्रे सेबेस्टियन मैनरिक ने मुगलों के बारे में काफी कुछ लिखा है.

इतिहास के पन्ने पलटने पर मालूम होता है कि मुगल का रहन-सहन और खान-पान कैसा था.

किताब में बताया गया है कि मुगलों के शाही खाने का जिम्मा खानेसामे के साथ हकीम का भी होता था.

जो ये देखता था कि शाही खाने में मुगल बादशाह की ताकत को बरकरार रखने के सारे गुण हो.

माना जाता है चावल के दानों पर चांदी का वर्क लगाकर मुगल बादशाह को परोसा जाता था.

इतिहासकारों के मुताबिक, अपनी कामोत्तेजना को बढ़ाने के लिए शाहजहां ने जीवन के अंत तक कई दवाओं का सेवन किया था.

मुगलों के हरम की इस परंपरा को आगे भी बनाये रखने के लिए हरम पर खूब खर्च होता था और मुगल के बादशाह के खाने पर भी.

साथ ही मुगल बादशाह अपनी मर्दाना ताकत को बढ़ाने के लिए सोने की अशर्फी से तैयार भस्म को खाने में मिलवाता था.

साथ ही कुछ मुगल बादशाह जंगली खरगोश का मांस और काले हिरण की नाभि को पकाकर खा जाते थे.

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