मुगल हरम में बादशाह के अलावा घुसने वाले पुरुषों को दी जाती थी खौफनाक सजा!

Saumya Tripathi
Jul 09, 2024

मुगलों ने भारत में लगभग 300 साल तक शासन किया.

मुगलों की जब भी बात होती है तो उसमें हरम का जिक्र जरूर होता है. मुगलों के काल में हरम को खास दर्जा दिया गया था.

मुगलों ने अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए हरम का निर्माण कराया जहां वो महिलाओं के साथ शारीरिक संबंध बनाते थे.

हरम की शुरूआत बाबर ने की थी. लेकिन अकबर ने भी हरम की प्रथा को जारी रखा. जहां विदेशों से महिलाओं को लाया जाता था.

अकबर के हरम में 5 हजार से भी ज्यादा रानियां और दासियां रहती थीं. इनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किन्नरों की होती थी.

हरम में किसी भी गैर मर्द की जाने की इजाजत नहीं थी. हरम में सिर्फ बादशाह जा सकता था.

अगर गलती से भी कोई बाहरी मर्द हरम में घुस जाता था तो उसे सजा-ए-मौत दे दी जाती थी. जिसे देखकर रोंगटे खड़े हो जाएं.

वहीं अगर कोई भी महिला किसी पुरुष के संबंध बनाती हुई पाई जाती थी तो उसे फांसी की सजा देकर सुरंग के रास्ते से लाश फेंक दी जाती थी.

इतिहासकाल थॉमस कोरयाट लिखते हैं कि मुगल हरम में रानियों की सुरक्षा के लिए किन्नरों को रखा जाता था.जिन्हें ख्वाजा सार कहा जाता था.

VIEW ALL

Read Next Story