मुगल हरम एक ऐसी जगह थी जहां औरतों की एंट्री होने के बाद उनका बाहरी दुनिया से कोई लेना-देना नहीं होता था.

उन्हें अपनी पूरी जिंदगी हरम की चहारदीवारी के भीतर ही गुजारनी पड़ती थी.

मुगल हरम की औरतें बादशाह का दिल जीतने के लिए तरह-तरह के तरीके अजमाती थीं.

बताया जाता है कि मुगल हरम की शुरूआत बाबर के समय ही हो गई थी लेकिन अकबर के शासनकाल 5000 से ज्यादा औरतें थीं.

बादशाह का जिस भी बेगम के साथ समय बिताने का मन होता तो वो गुप्त रास्ते से उनके पास पहुंच जाते थे.

उस रात हरम की कई महिलाएं बादशाह की सेवा में लग जाती थीं.

सेवा में हरम की औरतें बादशाह के हाथ-पांव भी दबाती थीं. जिसकी वजह से अगले दिन उनके हाथ-पांव में काफी दर्द होता था.

हरम की औरतों का एक ही मकसद होता था राजा का दिल जीतना, जिससे वे हरम पर अपना हुकूम चला सकें.

हरम में बादशाह अपने गुप्तचर रखे थे ताकी उनको हरम की सारी राजनीति मालूम हो सके.

VIEW ALL

Read Next Story