मुगल साम्राज्य की चर्चा इतिहास में खूब होती रही. उसी साम्राज्य से जुड़ा मुगल हरम भी खूब चर्चा में रहा. इसी हरम में हरखा बाई भी रहती थीं.
खास महिलाएं या बेगम
मुगल हरम एक ऐसी जगह थी जहां मुगल शासकों की खास महिलाएं या बेगम रहती थीं. इस महल में शाही महिलाओं के साथ मुगल शासक अपना समय बिताते थे. कहा यह भी जाता है मुगल हरम में जमकर अय्याशियां होती थीं.
राजपूत से लेकर अन्य हिंदू बेगम
यहां हिंदू बेगमों का भी स्थान रहता था. तमाम किताबों में यह जिक्र है कि कई मुगल बादशाह ने हिंदू महिलाओं के साथ भी निकाह किया था. इनमें राजपूत से लेकर अन्य हिंदू बेगम शामिल थीं.
सबसे चर्चित हिंदू बेगम
मुगल साम्राज्य की जो सबसे चर्चित हिंदू बेगम थी उनमें हरखा बाई, हीर कुंवर, जगत गोसाई आदि शामिल रही हैं.
बेगमों के लिए हरम
अबुल फजल ने अपनी एक किताब में लिखा कि मुगल साम्राज्य का हर बादशाह अपने महल में हिंदू से लेकर मुस्लिम बेगमों के लिए हरम बनवाया करते थे.
हरखा बाई की तूती
लेकिन मुगल हरम में रहने वाली हरखा बाई अकबर की सबसे खास बेगमों मे से एक थीं. उनकी तूती बोलती थी. इतना ही नहीं उनके लिए खास व्यवस्था की जाती थी.
'मरियम-उज-जमानी' का दर्जा
यहां तक कि हरम की सारी महिलाएं हरखा बाई के आगे झुका करती थीं और उन्हें 'मरियम-उज-जमानी' का दर्जा दिया गया था.
मुगल सम्राट अकबर की पत्नी
हरखा बाई आमेर के राजा की बेटी थीं और मुगल सम्राट अकबर की पत्नी थीं. वो राजा भारमल की बेटी थीं और बचपन में हीरा कुंवारी के नाम से जानी जाती थीं. उन्हें जोधा भी कहा जाता था.
हरम में हरखा बाई
बादशाह अकबर के जनानखाने यानि कि हरम में जब हरखा बाई ने पहली बार प्रवेश किया था तो उन्हें अपनी सारी प्रथाएं और विश्वास साथ लाने की इजाजत भी दी गई थी.
रहन-सहन का भी ख्याल
हरखा बाई के अलावा कई अन्य हिंदू बेगम भी मुगल हरम में रहती थीं. उनके रहन-सहन का भी ख्याल रखा जाता था और अच्छे खाने, अच्छे कपड़े दिए जाते थे.