मुगलों का हरम सिर्फ बादशाह की अय्याशी की जगह ही नहीं थी. यहां साजिशों का लंबा दौर चलता था.

Zee News Desk
Apr 22, 2023

हरम में ईरानी, अफगानी, तुरानी और भारतीयों के अलावा उज्बेकिस्तान मूल की महिलाएं रहा करती थीं. इन महिलाओं में मुकाबला रहता था.

ये सारी महिलाएं मुगल बादशाह के करीब जाना चाहती थीं, उनकी खास बनना चाहती थीं. इसलिए हरम में साजिशें रची जाती थीं.

बादशाह और उनकी बेगम के लिए मुगल हरम में षडयंत्र का दौर चलता था. ये औरतें एक खास काम भी किया करती थीं.

ये महिलाएं हरम में असली नहीं बल्कि नकली नाम इस्तेमाल करती थीं ताकि बादशाह उसकी तरफ आकर्षित हो.

बादशाह का ध्यान पाने के लिए वे वफादारी, सुंदरता और बुद्धि का नजराना पेश करती थीं.

कुछ महिलाएं जो बादशाह के करीब होती थीं, उनसे दूसरी महिलाएं नफरत करती थीं.

हरम में एक खास पद भी होता था, जिसका नाम था पादशाह बेगम. पादशाह बेगम मुगल हरम की हेड होती थी. साथ ही मुगलिया सल्तनत की पहली महिला.

पादशाह बेगम ही हरम से जुड़े सारे अदालती फैसले लिया करती थी.

उसको हर साल इनाम भी मिलता था. शाहजहां ने यह पद मुमताज और जहांगीर ने नूरजहां को दिया था.

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