मुगल हरम की औरतें थीं इस चीज की प्यासी

Shwetank Ratnamber
Jul 07, 2023

मुगल हरम की शुरुआत शाही औरतों की सहूलियत, देखभाल, मान-सम्मान और सुरक्षा के लिए की गई थी. लेकिन कहा जाता है कि मुगल हरम बादशाहों की अय्याशी के अड्डे थे. बादशाह यहां औरतों के साथ कई खेल खेला करते थे.

मुगल काल में हरम की देश-दुनिया की राजनीति में अहम भूमिका थी. यहां बादशाह या किसी बेगम का खास बनने के लिए कत्ल तक हो जाता था. यहां साजिशें भी चलती रहती थीं.

इतिहासकारों ने हरम में महिलाओं की संख्या और दुर्दशा पर बहुत कुछ लिखा है. हरम की शुरुआत बाबर ने की उसके वंशज अपने-अपने हिसाब से हरम चलाते रहे. अकबर के हरम में सबसे अधिक करीब 5000 और औरंगजेब के हरम में सबसे कम औरतें थीं.

बादशाह, हरम में मनोरंजन के नाम पर चौबीसों घंटे रंगरलियां मनाते थे. बाहर से सुंदर लगने वाले हरम में महिलाओं की हालत वाकई बहुत बुरी थी. हरम की औरतों को इलाज कराने के दौरान भी अकेले रहने की वजह से कई कस्ट सहने पड़ते थे.

हरम की औरतों को छूना तो दूर कोई देख भी नहीं सकता था. हरम की अधिकतर महिलाएं तो अपनी शारीरिक जरूरतें भी पूरा नहीं कर पाती थीं. उन्हें ताउम्र पुरुषों से दूर रहना पड़ता था. वो भावनात्मक लगाव और प्यार तक के लिए तरस जाती थीं.

कई महिलाओं को बीमार होकर मरने का इंतजार करना पड़ा, वहां भी कोई उनका हाल-चाल लेने वाला नहीं था.

यहां की महिलाओं का एकमात्र लक्ष्य था बादशाह का दिल जीतना. वो किसी अन्य व्यक्ति से शारीरिक संबंध नहीं बना सकती थीं. यही कारण था कि हरम की बहुत सी महिलाएं किन्नरों तक के करीब आ जाती थीं.

उस समय भारत आए विदेशी व्यापारियों ने लिखा कि हरम की महिलाएं झूठी बीमारी दिखाकर डॉक्टरों को छूने की कोशिश करती थीं.

हरम में हर गलती की सजा बस मौत थी. हरम के सीक्रेट फांसी घर में उन्हें लटका दिया जाता था. किन्नरों के मुंह से ये बात सुनकर सीक्रेट जगह का नाम सुनते ही उनकी चीख निकल जाती थी.

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