देश के सबसे बड़े घुमक्कड़ कौन थे? क्या आप जानते हैं उनका नाम

May 08, 2024

'सैर कर दुनिया की गाफिल, जिन्दगानी फिर कहां? जिन्दगी गर कुछ रही, तो नौजवानी फिर कहां' जानते हैं ये लाइन किसने लिखा है, अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं, हम आपको बताते हैं.

हिंदी साहित्य के महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने ये पंक्तियां लिखी हैं. 9 अप्रैल 1893 को पैदा हुए राहुल सांकृत्यायन का असल नाम केदारनाथ पाण्डे था. 1930 में लंका में बौद्ध होने पर उनका नाम ‘राहुल’ हुआ. राहुल नाम के आगे सांस्कृत्यायन इसलिए लगा कि पितृकुल सांकृत्य गोत्रीय था.

36 भाषाओं के ज्ञाता राहुल सांकृत्यायन ने उस दौर में देश-दुनिया को नाप डाला, जब एक गांव से दूसरे गांव जाना भी लोगों के लिए परेशानी थी.

13 साल की उम्र में पहली बार घर छोड़कर अपनी यात्रा शुरू की. उन्होंने यात्रा वृतांत को ‘साहित्यिक रूप’ दिया इसलिए राहुल सांकृत्यायन को हिंदी यात्रा साहित्य का जनक कहा जाता है. उन्होंने अपने जीवन के 45 वर्ष अपने घर से दूर रहकर बिताए. उन्हें देश के सबसे बड़े घुमक्कड़ में जाना जाता है.

1घुमक्कड़शास्त्र महापण्डित राहुल सांकृत्यायन की प्रसिद्ध रचना है। घुमन्तू स्वभाव के कारण उन्होंने तिब्बत, सम्पूर्ण भारत, रूस, यूरोप सोवियत भूमि और श्रीलंका का भ्रमण किया था। और फिर उन्हीं अनुभवों को सँजोते हुए घुमक्कड़-शास्त्र लिख दिया.

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