मुगल हरम में ऐसा जीवन जीती थीं राजपूत हिंदू बेगम!

Saumya Tripathi
Jul 10, 2024

मुगलों का भारत में 300 साल से ज्यादा शासनकाल रहा है. इस दौरान उन्होंने जमकर हुकुमत की.

बाबर के समय से ही मुगल हरम का स्थापित हो चुका था. हरम का अरबी मतलब है- एक छुपा हुआ कमरा जहां औरतें हो और कोई आदमी न जा सके.

मुगल बादशाह का जिस औरत के साथ वक्त गुजारने का मन करता उसके साथ शाही हरम में वक्त गुजरता था.

इतिहास के पन्नों में प्रख्यात है कि कई मुगल बादशाहों ने राजपूत औरतों से शादी की थी. जिसमें हरखा बाई, जगत गोसाई, हीर कुंवर का नाम शामिल है.

अबुल फजल ने जिक्र किया कि मुगल बादशाह ने मुस्लिम बेगमों के अलावा हिंदू रानियों के लिए भी मुगल हरम बनवाया था.

हरम की दूसरी औरतों की तरह ही हिंदू रानियां रहती थीं. लेकिन उनको भी पर्दा करना पड़ता था.

एक बार जो औरत महिला हरम में प्रवेश कर गई. वह बादशाह की मर्जी के बाद ही बाहर जा सकती थी.

अबुल फजल की लिखी अकबरनामा के मुताबिक, अकबर के हरम में 5 हजार महिलाएं थीं.

जिनमें हरखा बाई अकबर की बेहद पसंदीदा बेगमों में शुमार थीं. इन्हें 'मरियम-उज-जमानी' का दर्जा हासिल था.

हरम में औरतों की सुरक्षा के लिए किन्नर मौजूद होते थे, और रानियों की सेवा के लिए दासियां होती थीं.

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