ऐसे ही नहीं है 7 अजूबों में गिनती... इस खास मिट्टी से होती है ताजमहल की सफाई!

Saumya Tripathi
Aug 13, 2024

ताजमहल 7 अजूबों में से एक है. जिसे देखने के लिए दुनिया भर से हजारों-लाखों लोग आते हैं.

आगरा में यमुना नदी के किनारे बने ताजमहल को सफेद संगमरमर से बनाया गया है. इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) के पास है.

लगभग 392 साल पुराना ताजमहल आज भी दूध जैसा चमकता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसकी सफाई कैसे की जाती है.

ताजमहल की सफाई के लिए खास तरीका अपनाया जाता है, जिसे मड पैकिंग कहा जाता है. जिसमें खास मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है.

मुल्तानी मिट्टी-

ताजमहल की सफाई के लिए मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल किया जाता है. जिसे फुलेर अर्थ (Fuller Earth) कहा जाता है.

मुल्तानी मिट्टी में मौजूद एल्युमिनियम, फिलोसिलिकेट और मैग्नीशियम सफेद पत्थर को साफ करने का काम करती है. वहीं मुल्तानी मिट्टी का इस्तेमाल ब्यूटी प्रोडक्ट्स में 1800 सालों से करते आ रहे हैं.

ताज को साफ करने के लिए मुल्तानी मिट्टी का पेस्ट तैयार किया जाता है. ताज पर मजदूर पानी से छिड़काव करके ब्रश से लेप को लगाते हैं.

इस प्रक्रिया को करने में करीब 3-4 महीने का वक्त लग जाता है. मुल्तानी मिट्टी गंदगी, कैमिकल और ऑयली प्रदूषण को सोख लेती है.

सूखने के बाद इसे पानी से धुल दिया जाता है. पहले यह प्रक्रिया साल में 1 बार की जाती थी, लेकिन अब इसे दो बार किया जाता है.

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