भारतीय रेलवे के साथ ही देश को वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की वजह से नई उड़ान मिली है. वंदे भारत ट्रेनें यात्रियों की पहली पसंद बनती जा रही हैं.
देश के तमाम राज्यों में इस वक्त 34 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें संचालित हो रही हैं. बता दें कि इस ट्रेन को पहली बार पीएम मोदी ने साल 2019 में हरी झंडी दिखाई थी.
180 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से फर्राटा भरने में सक्षम इस सेमी-हाई स्पीड ट्रेन में यात्रियों के लिए तमाम सुविधा दी गई हैं. इसकी सबसे बड़ी खासियत रफ्तार है.
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को मौजूदा समय में शताब्दी के रूट पर संचालित किया जा रहा है. स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना पर काम जोरों पर चल रहा है.
पूरे देश में इन ट्रेनों को संचालित करने की की मांग जोरों पर उठ रही है लेकिन एक राज्य अब तक वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से अछूता है.
यहां बात हो रही है पंजाब की. पंजाब को अब तक एक भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन नहीं मिली है. वंदे भारत ट्रेन यहां से गुजरती जरूर है.
अनुमान बताते हैं कि स्वर्ण मंदिर शहर में प्रतिदिन लगभग एक लाख पर्यटक आते हैं. वे जिस परिवहन माध्यम से आते हैं वह हवाई जहाज, ट्रेन, निजी वाहन और बसें हैं.
निस्संदेह, ट्रेन परिवहन का एक प्रमुख साधन है और रेलवे की पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यहां एक विश्व स्तरीय रेलवे स्टेशन बनाने की एक बड़ी योजना है.
राज्य सरकार ने अमृतसर और भटिंडा से दिल्ली के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस चलाने की मांग की थी लेकिन अब तक उसे निराशा ही हाथ लगी है. वैसे तो दो वंदे भारत ट्रेनें पंजाब से होकर गुजरती हैं लेकिन पंजाब के लिए सीधी कोई वंदे भारत ट्रेन नहीं है.