गोवा में हिंदुओं की दूसरी शादी को नहीं माना जाता अपराध, क्यों?
Arti Azad
Oct 03, 2023
देश के हिंदू मैरिज एक्ट से अलग कानून
इसका कारण ये है कि एक तो वहां पहले से सिविल कोड है, जिसमें हिंदू पुरुष दो शादी कर सकते हैं. आइए जानते हैं क्या कहता है यहां का कानून...
अलग है गोवा का कानून
आपके मन में भी ये सवाल आ रहा होगा कि आखिर गोवा में ये खास नियम क्यों है और वहां पुरुषों की दूसरी शादी को अपराध श्रेणी में क्यों नहीं आती?
हिंदू मैरिज एक्ट
दरअसल, वर्तमान हिंदू मैरिज एक्ट 1955 के तहत, कोई भी हिंदू एक साथ एक से ज्यादा पत्नियां नहीं रख सकता है.
देश में हिंदू की दूसरी शादी पर कानून
दूसरी शादी करने के पहले उसे अपनी पत्नी से तलाक लेना जरूरी है, वरना इसे अपराध माना जाएगा और ऐसा करने पर उस व्यक्ति को जेल हो सकती है.
शादी को लेकर अलग-अलग नियम
मुस्लिम समुदाय के लोगों को 4 शादियां करने की इजाजत है, वे एकसाथ चार पत्नी रख सकते हैं. इसी के चलते पूरे देश में सिविल कोड लाने के मुद्दे पर बात चल रही है.
गोवा का सिविल कोड
रिपोर्ट के मुताबिक गोवा के सिविल कोड में साल 1880 में उस समय के पुर्तगाली राजा द्वारा एक संशोधन किया था. ऐसा कुछ शर्तों के आधार पर ही करने का अधिकार दिया गया था.
इस केस में हो सकती है दूसरी शादी
अगर किसी को शादी के 10 साल या 25 साल तक बच्चा नहीं हुआ हो या फिर पहली पत्नी के बच्चा ना हो पाने की स्थिति में वह दूसरी शादी कर सकता है.
दूसरी शादी को कानूनी मान्यता
दूसरी शादी के समय पहली पत्नी से लिखित में परमिशन लेनी होगी. रिपोर्ट्स के अनुसार, इस कानून के तहत कई वर्षों से गोवा में कोई शादी नहीं हुई है.