सर्दी लगी तो ख़ुद को दोबारा पहन लिया... पढ़िए सर्दी पर बेहतरीन शेर

Tahir Kamran
Dec 15, 2024

कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तिरा ख़याल भी, दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी

गर्मी लगी तो ख़ुद से अलग हो के सो गए, सर्दी लगी तो ख़ुद को दोबारा पहन लिया

जब चली ठंडी हवा बच्चा ठिठुर कर रह गया, मां ने अपने ला'ल की तख़्ती जला दी रात को

यादों की शाल ओढ़ के आवारा-गर्दियां, काटी हैं हम ने यूं भी दिसम्बर की सर्दियां

सूरज लिहाफ़ ओढ़ के सोया तमाम रात, सर्दी से इक परिंदा दरीचे में मर गया

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे, जो हो परदेश में वो किससे रजाई मांगे

वो गले से लिपट के सोते हैं, आज-कल गर्मियां हैं जाड़ों में

गले मिला था कभी दुख भरे दिसम्बर से, मेरे वजूद के अंदर भी धुंद छाई थी

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