'मत्स्य 6000' में छिपा है शक्तिशाली भारत का राज, 100 साल बाद कोई नहीं टिक पाएगा

Lalit Rai
Sep 19, 2023

तीन लोग भेजे जाएंगे

भारत पहली बार मानवयुक्त मिशन को समंदर की गहराइयों में भेजेगा. इस मिशन में कुल तीन लोग भेजे जाएंगे.

समुद्रीय संसाधनों का अध्ययन

समंदर की सतह से करीब 6 हजार मीटर की गहराई पर समुद्री संसाधनों का अध्ययन किया जाएगा.

मिशन के पीछे ये संस्थान

इस प्रोजेक्ट को अर्थ साइंस मंत्रालय और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी चेन्नई के सहयोग से चलाया जाएगा

समंदर के तल की जानकारी

भारत के पास कुल 75 हजार वर्ग किमी का समंदरी तल है इसमें पाए जाने वाले संसाधनों के बारे में जानकारी इकट्ठा की जाएगी.

भारत के लिए यूं है खास

ऐसा कहा जा रहा है कि अगर 10 फीसद संसाधनों के बारे में पुख्ता जानकारी मिली तो 100 वर्षों तक भारत की ऊर्जा जरूरत पूरी हो जाएगी. 2026 तक इस मिशन को लांच करने की तैयारी है.

समुद्रयान ही मत्स्य 6000

समुद्रयान को मत्स्य 6000 नाम दिया गया है. 2.1 मीटर व्यास वाला यह पनडुब्बी 600 बार प्रेसर को झेल पाने में सक्षम होगा.इसमें कुल लागत 4 हजार करोड़ आने वाली है जिसे चरणबद्ध तरीके से खर्च किया जाएगा.

अलहदा है मत्स्य 6000

समुद्रयान में सामान्य तौर पर 12 घंटे और इमरजेंसी में 96 घंटे तक सांस लेने की सुविधा होगी इस दौरान अगर कोई परेशानी होगी तो रेस्क्यू करने में आसानी होगी.

आदित्य एल 1 मिशन

आदित्य एल 1 मिशन को 2 सितंबर 2023 को लांच किया गया था. इस मिशन की मदद से सूरज का अध्ययन किया जाएगा.

चंद्रयान 3 मिशन

23 अगस्त 2023 को चंद्रयान ने इतिहास रच दिया जब विक्रम लैंडर ने चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की थी.

चंद्रयान 3 की कामयाबी के बाद पीएम ने कहा था यह भारत के लिए अविस्मरणीय पल है. उन्होंने कहा कि हमारे मिशन का मकसद सामान्य मानवीय के जीवन स्तर में सुधार करना है.

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