वो हिंदू योद्धा, जिसने भरे दरबार में काट दिया था मुगल रानी के भाई का गला

Rachit Kumar
Jun 06, 2023

यूं तो मुगलों के कई राजपूत योद्धाओं के साथ करीबी संबंध थे. लेकिन कुछ ऐसे भी थे, जो उनके आगे झुके नहीं.

कई ने अपनों के खिलाफ गद्दारी तक की, जबकि कुछ ने मुगलों से लड़ते हुए वीरगति पाई.

ऐसे ही एक वीर योद्धा थे, नागौर के अमर सिंह राठौड़, जिनको आज भी लोग याद करते हैं.

अमर सिंह राठौड़ राजवंश के राजा गज सिंह प्रथम के बड़े बेटे थे. लेकिन फिर भी वह गद्दी पर बैठ नहीं पाए.

गद्दी मिली उनके छोटे भाई जसवंत को. लोगों की नजर में अमर सिंह उद्दंड थे.

मारवाड़ से निकाले जाने के बाद वह मुगलों के पास चले गए. शाहजहां ने उनको नागौर की जागीर दे दी.

धीरे-धीरे अमर सिंह का कद बढ़ने लगा, जो कई दरबारियों को रास नहीं आया. वे उनसे जलने लगे.

एक बार वह शिकार पर गए तो दो हफ्ते तक लौटे नहीं.वह शाहजहां के दरबार में भी नहीं आए.

इस कहानी में एक किरदार सलावत खान भी है, जो शाहजहां का साला और वजीर था.

पूरे खजाने का इंचार्ज वही था. जब अमर सिंह लौटे तो सलावत खान उन पर हुक्म चलाने लगा.

वह रौब झाड़ते हुए पूछने लगा कि वह इतने दिन दरबार से गायब क्यों रहे. वह जुर्माना वसूलने की बात भी कहने लगा.

अमर सिंह ने अपनी तलवार और म्यान दिखाते हुए कहा कि यही धन उनके पास है. अगर चाहिए सलावत खान ले जाएं.

इस दौरान शाहजहां गद्दी पर बैठा हुआ था. दरबार खचाखच भरा था. सलावत खान अमर सिंह को गंवार बताने लगा.

उसने हिंदुत्व और धर्म को लेकर भी आपत्तिजनक बातें कहीं.

फिर क्या था अमर सिंह ने तलवार निकाली और एक झटके में सलावत खान का सिर कलम कर दिया.

यह देखकर दरबार में भगदड़ मच गई. इसके बाद अमर सिंह घोड़ा फांदकर वहां से भाग निकले.

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