भगवान मुरुगन कौन हैं? जिनके सहारे DMK देगी बीजेपी को टक्कर!
krishna pandey
Mar 14, 2024
बीजेपी भगवान राम को भुनाने में!
लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी कहीं न कहीं अयोध्या में बने राम मंदिर को मुद्दा बनाकर भुनाने की कोशिश कर रही है. इसके काट के लिए डीएमके सरकार 'तमिल भगवान' के तौर पर जाने जाने वाले भगवान मुरुगन को लेकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन करने वाली है.
जानें कौन हैं भगवान मुरुगन?
दक्षिण भारत में भगवान मुरुगन को तमिलनाडु का रक्षक देवता माना जाता है. तमिलनाडु के लोग उन्हें शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक मानते हैं. तमिल इन्हें 'तमीज़ कादुवुल' यानि कि तमिलों के देवता कहकर संबोधित करते हैं.भगवान मुरुगन, भगवान कार्तिकेय का ही एक और नाम है.
मोर पंख से क्या है नाता?
हिंदू पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान मुरुगन का वाहन मोर है. भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र कार्तिकेय को दक्षिण भारत में मुरुगन नाम से जाना जाता है. मुरुगन, महान ऊर्जा और ज्ञान के देवता हैं. माना जाता है कि उनके हाथ में शक्ति और चीज़ों का नियंत्रण है.
विश्व में पूजे जाते हैं भगवान मुरुगन
कार्तिकेय या मुरुगन भगवान साउथ में हिंदुओं के देव हैं और इनके अधिकतर भक्त तमिल हिन्दू हैं. इनकी पूजा मुख्यत: भारत के दक्षिणी राज्यों और विशेषकर तमिलनाडु में की जाती है. इसके अलावा विश्व में जहाँ कहीं भी तमिल निवासी/प्रवासी रहते हैं जैसे कि श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर आदि में भी यह पूजे जाते हैं.
तमिलनाडु में हो रही 'मंदिर पॉलिटिक्स'
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके सरकार भगवान की ओर रुख कर रही है. माना जा रहा है कि वह कहीं न कहीं हिंदुत्व के रथ पर सवार बीजेपी के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए ऐसा कर रही है. उसे उम्मीद है कि इसका फायदा चुनाव में मिलेगा.
डीएमके का बीजेपी ने किया विरोध
बीजेपी ने डीएमके के भगवान मुरुगन को लेकर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को लेकर आलोचना की है. जिसके जवाब में मंत्री शेखरबाबू ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित करने में कोई राजनीति शामिल नहीं है. राज्य सरकार सत्ता में आने के बाद से भगवान मुरुगन पर खर्च कर रही है.