बच्चों को नई दिशा देगी राज कवि भूषण की छत्रपति शिवाजी के जीवनी पर लिखी गई ये 5 कविताएं

Zee News Desk
Nov 13, 2024

मराठा साम्राज्य के संस्थापक छत्रपति शिवाजी के बारे में जितना कहा जाए उतना कम होगा.

बच्चों को जरुर पढ़ाएं दरबार के राज कवि भूषण की छत्रपति के बारे में कुछ शानदार कविताएं.

साजि चतुरंग वीर रंग में तुरंग चढ़ि, सरजा सिवाजी जंग जीतन चलत हैं, ‘भूषण’ भनत नाद विहद नगारन के, नदी नद मद गैबरन के रलत है॥

ऐल फैल खैल-भैल खलक में गैल गैल, गजन की ठैल पैल सैल उसलत हैं । तारा सो तरनि धूरि धारा में लगत जिमि, थारा पर पारा पारावार यों हलत हैं ।।

हाथिन के हौदा उकसाने कुंभ कुंजर के, भौन को भजाने अलि छूटे लट केस के । दल के दरारे हुते कमठ करारे फूटे, केरा के से पात बिगराने फन सेस के ॥

इन्द्र जिमि जंभ पर, बाडब सुअंभ पर, रावन सदंभ पर, रघुकुल राज हैं। पौन बारिबाह पर, संभु रतिनाह पर, ज्यौं सहस्रबाह पर राम-द्विजराज हैं॥

पार्ट 2...

दावा द्रुम दंड पर, चीता मृगझुंड पर, 'भूषन वितुंड पर, जैसे मृगराज हैं। तेज तम अंस पर, कान्ह जिमि कंस पर, त्यौं मलिच्छ बंस पर, सेर शिवराज हैं॥

बाने फहराने घहराने घण्टा गजन के, नाहीं ठहराने राव राने देस देस के। नग भहराने ग्रामनगर पराने सुनि, बाजत निसाने सिवराज जू नरेस के॥

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