ब्रज की होली: 17-26 मार्च 10 दिनों तक इन-इन मंदिरों में चलेगा रंगों का त्योहार, पैक कर लें अपना बैग!
Shikhar Baranawal
Mar 16, 2024
17 मार्च: लड्डू होली, राधा रानी मंदिर, बरसाना
ब्रज की होली की शुरुआत लड्डू होली से होती है, जो बरसाना के राधा रानी मंदिर में मनाई जाती है. इस दिन, गोपियां (राधा रानी की सहेलियां) हंसी-खुशी के साथ भगवान कृष्ण पर लड्डू फेंकती हैं. यह भगवान कृष्ण द्वारा गोपियों को छेड़ने की लीला का प्रतीक है.
18 मार्च: लठमार होली, राधा रानी मंदिर, बरसाना
बरसाना की लठमार होली एक अनूठी परंपरा है. इस दिन, आस-पास के गांवों, खासकर मथुरा के पुरुष बरसाना आते हैं और जश्न में शामिल होते हैं. यहां की महिलाएं लाठियों (लट्ठ) से पुरुषों को हल्के से मारती हैं, जो राधा और गोपियों द्वारा भगवान कृष्ण को लाठियों से मारने की लीला का प्रतीक है.
19 मार्च: लठमार होली, नंदगांव
नंदगांव में भी लठमार होली की धूम देखने को मिलती है. यहां की महिलाएं बरसाना से आई महिलाओं को लाठियों से हल्के से मारती हैं. यह भगवान कृष्ण और गोपियों के बीच के प्रेम-विलाप का प्रतीक है.
20 मार्च: फूलवाली होली, बांके बिहारी मंदिर, वृन्दावन
फूलवाली होली में, भगवान कृष्ण और राधा रानी के फूलों से खेलने की लीला को दोबारा जीवंत किया जाता है. वृन्दावन के बांके बिहारी मंदिर में भक्त इकट्ठा होते हैं, इनपर रंगीन फूलों की वर्षा की जाती है. यह एक बहुत ही लोकप्रिय उत्सव है, जो भारी संख्या में दर्शकों को आकर्षित करता है.
21 मार्च: छड़ी मार होली, गोकुल
मथुरा से लगभग 15 किलोमीटर दूर गोकुल में मनाया जाने वाला यह त्योहार लठमार होली के जैसा ही है. यहां महिलाएं लाठियों के स्थान पर छोटी छड़ियों से पुरुषों को हल्के से मारती हैं.
23 मार्च: विधवा होली, राधा गोपीनाथ मंदिर, वृन्दावन
वृन्दावन के आश्रमों में रहने वाली विधवाएं इस दिन का बेसब्री इंतजार करती हैं. इस दिन वे एक दूसरे पर रंग लगाकर होली का जश्न मनाती हैं. ये महिलाएं इस दिन एक साथ आती हैं और होली के उत्सव में रंगों में सराबोर हो जाती हैं.
24 मार्च: होलिका दहन और फूलों की होली, बांके बिहारी मंदिर
ब्रज क्षेत्र में होलिका दहन या छोटी होली इसी दिन मनाई जाती है. परंपरागत तरीके से होलिका (होलिका) जलाकर और प्रह्लाद की होलिका पर विजय मनाया जाता है. इस दिन बांके बिहारी मंदिर में फूलों की होली भी खेली जाती है.
25 मार्च: मथुरा और वृन्दावन में होली
होली के अगले दिन मथुरा और वृन्दावन में रंगों का असली उत्सव देखने को मिलता है. यहां के मंदिरों के पुजारी नेचुरल चीजों जैसे फूलों और केसर से बने गुलाल से लोगों के उपर डालते हैं.
26 मार्च: बलदेव में हुरंगा होली
पुरुष और महिला दौजी मंदिर पर होली के दिन ट्रेडिशनल हुरंगा खेलते हैं. इस पारंपरिक उत्सव पर पुरुष महिलाओं पर बाल्टी से रंग डालते हैं और महिलाएं पुरुषों कि शर्ट फाड़ती हैं.