ई-सिगरेट में निकोटीन नामक खतरनाक पदार्थ होता है, जो आपको इसका आदी बना देता है
जो लोग नियमित तौर पर ई सिगरेट पीते हैं उनको सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, खासकर तब, जब वो हेवी वर्क कर रहे हों
कई रिसर्च इस बात की तरफ इशारा करते हैं कि वैपिंग की वजह से आपका लंग डैमेज हो सकता है
अगर आप छोटी उम्र से वैपिंग कर रहे हैं तो इससे आपके दिमाग पर काफी बुरा असर पड़ सकता है
जो लोग हद से ज्यादा ई-सिगरेट पीते हैं उनको दिल की बीमारियां हो सकती हैं
वैपिंग हमारे इम्यून सिस्टम को काफी नुकसान पहुंचाता है, जिससे रेस्पिरेटरी इंफेक्शन के खतरे में इजाफा होता है
ई-सिगरेट में कई तरह के खतरनाक केमिकल पाए जाते हैं जो कैंसर जैसी बीमारी के रिस्क को बढ़ा देते हैं
ई-सिगरेट के वेपर्स में लेड, निकेल और क्रोमियम जैसे हेवी मेटल के अंश होते हैं, जो शरीर में धीरे-धीरे डिपॉजिट होने लगते हैं
कई ई-सिगरेट पीने वाले लोगों में एलर्जिक रिएक्शंस देखे गए हैं, इसलिए आपको भी इस लत से दूर रहना चाहिए
जब आप वैपिंग कर रहे हते हैं तो आसपास के लोगों तक भी इसका धुआं जाता है, ये खासकर बच्चों और बुजुर्गों के लिए नुकसानदेह है