शहद में ऐसा क्या है जो हजारों सालों तक भी रखने पर नहीं होता है खराब-

Zee News Desk
Aug 06, 2024

शहद का इस्तेमाल

मधुमक्खियों द्वारा बनाया गया शहद भोजन और औषधि दोनों ही तरीके से इस्तोमाल किया जाता है.

कैसे बनता है शहद?

शहद बनाने के लिए सबसे पहले मधुमक्खियां सबसे पहले वाष्पीकरण से निकले फूलों का रस चूसती हैं.

एन्जाइम

मधुमक्खी की लार में मौजूद एन्जाइम इस रस को मधुमक्खी के पेट में जाते-जाते शुगर के रूप में बदल देते हैं.

नहीं पचा पाती मधुमक्खी

शुगर से भरे तरल में पानी की मात्रा अधिक होती है जिसके कारण मधुमक्खी इसे पूरा पचा नहीं पाती.

गाढ़ा तरल

इसलिए मधुमक्खी थोड़ा पानी अवशोषित कर गाढ़े तरल को बाकी मधुमक्खियों के पास छत्ते में छोड़ देती है.

क्यों नहीं खराब होता शहद?

शहद न खराब होने के पीछ सबसे बड़ा कारण है इसमे पानी की कमी और हाइड्रोजन पेरोक्साइड की उपस्थिति जो एकदम सही तालमेल में काम करते हैं.

हजारों साल का शहद

1922 में वैज्ञानिकों की टीम ने मिस्र में तूतनखामेन के कब्र से 3000 साल पुराना शहद निकाला जिसे वैज्ञानिकों ने पूरी तरह से खाने योग्य बताया था.

औषधि है शहद

आयुर्वेद में शहद को एक लाभकारी औषधि के रूप में बताया गया है जो कई बीमारियों से बचने में मदद करता है.

विटामिनस का भंडार

शहद में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व, खनिज और विटामिनस का भंडार होता है.

पोषक तत्व

इसके अलावा शहद में कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी-6, विटामिन C और एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं.

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