बच्चे की अच्छी परवरिश के लिए इंडियन पेरेंट्स को खुद में करने चाहिए 10 बदलाव

पढ़ाई जरूरी है, लेकिन बच्चों के विकास के लिए सिर्फ अंकों में फंसे हुए ना रहें. उनकी रुचि और क्षमताओं को पहचाने और उन्हें विकसित करने का मौका दें.

बेटे-बेटी में भेदभाव न करें. घरेलू कामों में बेटों को भी शामिल करें और बेटियों को भी अपने सपनों को पूरा करने का पूरा समर्थन दें.

अपनी संस्कृति का सम्मान करें लेकिन दूसरों की संस्कृति को भी स्वीकारें. बच्चों को खुले दिमाग से दुनिया को देखने का नजरिया दें.

हर बच्चा अलग होता है. अपने बच्चे की तुलना दूसरों से न करें. उनकी खूबियों को पहचाने और उन्हें अपना रास्ता चुनने दें.

बच्चों से खुलकर बात करें. उनकी भावनाओं को समझें और उनका सम्मान करें. दोस्ती जैसा रिश्ता बनाएं ताकि वे आपसे हर बात शेयर कर सकें.

बच्चों को हर काम के लिए दूसरों पर निर्भर न रहने दें. उन्हें जिम्मेदारियां दें ताकि वे खुद के फैसले लेने और उनका सामना करने का हुनर सीख सकें.

टेक्नोलॉजी को बुरा न मानें. बच्चों को इसका सही इस्तेमाल करना सिखाएं. टेक्नोलॉजी सीखने और आगे बढ़ने का एक जरिया हो सकती है.

मानसिक स्वास्थ्य उतना ही जरूरी है जितना शारीरिक स्वास्थ्य. बच्चों के तनाव और भावनाओं को समझें. जरूरत पड़े तो किसी मनोचिकित्सक की मदद लें.

बच्चों को बचपन से ही पैसों की बचत और खर्च के बारे में जानकारी दें. उन्हें समझदारी से धन का इस्तेमाल करना सिखाएं.

कामकाज जरूरी है लेकिन परिवार के लिए भी वक्त निकालें. साथ में भोजन करें, घूमने जाएं, बातचीत करें. इससे बच्चों को सुरक्षित और प्यार का माहौल मिलता है.

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