मेंस्ट्रुएशन जिसे पीरियड्स माहवारी या एमसी कहा जाता है, फीमेल रिप्रोडक्टिव सिस्टम का पार्ट होता है. जिसमें हर महीने महिलाओं को वेजाइनल ब्लीडिंग इसमें यूट्रस टिश्यू भी शामिल होते हैं.
पीरियड्स महिलाओं के हेल्थ के लिए बहुत जरूरी है, क्योंकि इस दौरान बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकले हैं. जिसके बाद रिप्रोडक्शन के लिए बॉडी एक नए सिरे से काम शुरू करती है.
हर महीने नॉर्मल एमसी आने का मतलब है कि आपके बॉडी अच्छी तरह से फंक्शन कर रही है.
आमतौर पर लड़कियों को 8- 12 साल की उम्र पीरियड्स आने शुरू हो जाते हैं. 15 साल तक एमसी नहीं आने पर डॉक्टर से चेकअप सलाह दी जाती है.
जिस तरह से लेट एमसी शुरू होना एक चिंता का विषय होता है. वैसे ही कम उम्र में पीरियड्स आना भी सेहत के लिए खराब होता है.
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार, जिन लड़कियों को 12 से कम उम्र में पीरियड्स आने शुरू होते हैं, उनमें दूसरी महिलाओं के मुकाबले ब्रेस्ट कैंसर का खतरा 23 प्रतिशत तक ज्यादा होता है.
कम उम्र में पीरियड्स होने के कारण लड़कियों की एडल्ट हाइट ज्यादा नहीं बढ़ पाती है.
बीएमजे जर्नल में प्रकाशित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की स्टडी के अनुसार, जिन महिलाओं को 12 साल की उम्र से पहले पीरियड्स हुआ था उनमें दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का जोखिम दूसरी महिलाओं से 10 प्रतिशत अधिक पाया गया है.
कम उम्र में पीरियड्स होना मेटाबॉलिक सिंड्रोम से जुड़ा है. जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर, मोटापे जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है.