हड्डी का कैंसर बहुत ही रेयर होता है, जो इसे और भी खतरनाक बनाता है. बोन कैंसर से ज्यादा मामले दूसरे हिस्से से हड्डियों में कैंसर पहुंचने के आते हैं.
बोन कैंसर बच्चों और युवाओं में सबसे ज्यादा होता है. हालांकि ओस्टियोसार्कोमा किसी भी उम्र में हो सकता है.
कैंसर रिसर्च यूके के अनुसार, हड्डी में कैंसर होने के लक्षण इसके आकार और पोजीशन पर डिपेंड करता है.
दर्द
शरीर में दर्द रहना जो रात के समय सोने के दौरान बढ़ जाता है. यह दर्द जरूरी नहीं है कि उसी जगह हो जहां ट्यूमर बन रहा हो.
सूजन
बोन कैंसर होने पर जोड़ों में सूजन की समस्या भी रहती है लेकिन यह आमतौर पर नोटिस में नहीं आता है.
थकान
आराम करने के बाद भी यदि हर समय शरीर में थकान बना रहता है तो इसका कारण हड्डियों में फैल रहा कैंसर हो सकता है.
कमजोर हड्डियां
बोन कैंसर में हड्डियां कमजोर होने लगती है, जिसके कारण कई बार मूवमेंट में दिक्कत आती है. इसके अलावा हड्डियों के फैक्चर का खतरा बढ़ जाता है.
वेट लॉस
शरीर में कैंसर सेल्स बन रहे तो अचानक से बॉडी का वजन कम होने लगता है. ऐसे में हमेशा बॉडी वेट को नापते रहना जरूरी होता है.
बता दें, वैसे तो हड्डी का कैंसर शरीर की किसी भी हड्डी में शुरू हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर पेल्विस या बाहों और पैरों की लंबी हड्डियों को प्रभावित करता है.