कैलाश पर्वत की ऐसे 7 रहस्य , जिनको आज तक कोई नहीं जान पाया

कैलाश की मान्यताएं

पौराणिक मान्यताओं के हिसाब से कैलाश को कुबेर की नगरी कहा गया है. कैलाश के नीचे से मृत्युलोक की शुरूआत होती है.

धरती का केंद्र

कैलाश को धरती का केंद्र माना जाता है. मान्यताओं के अनुसार कैलाश दुनिया के 4 मुख्य धर्मों का केंद्र बताया गया है. हिंदु, बौद्ध, सिख और जैन धर्म

कैलाश के शिखर पर जाना नामुमकिन

कहते हैं कि आज तक कैलाश पर कोई नहीं चढ़ पाया है. मगर 11वीं सदी में एक तिब्बती बौद्ध योगी ने इस पर चढ़ाई की थी.

दो सरोवर

यहां पर एक खारे पानी का सरोवर है, जिसको राक्षस झील बोलते हैं. दूसरी ओर खारे पानी का सरोवर है, जिसको हर कोई जानता है- मानसरोवर

डमरू और ओम की आवाज

कई लोगों का दावा है कि कैलाश से डमरू और ओम की आवाज सुनाई देती है.

येति मानव

लोगों का मानना है कि यहां पर येति मानव रहता है, जो कि इंसानों को मारकर खा जाता है. ये कोई भूरे भालू जैसा दिखता है.

पुण्य आत्माएं

कहते हैं कि कैलाश के आस पास एक अलग प्रकार की ऊर्जा है. इसीलिए यहां पर केवल पुण्यआत्माएं ही रह सकती हैं.

सभी नदियों की शुरुआत

कैलाश की चार दिशाओं से चार नदियों का उद्गम होता है. ब्रम्हपुत्र, सिंधु, सतलज और करनाली. इन्हीं से फिर अन्य नदियां निकलती हैं जैसे कि गंगा , सरस्वती आदि.

Disclaimer

प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टी नहीं करता है. आप कहीं भी कुछ भी इससे जुड़ा पढ़ें तो उससे पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

VIEW ALL

Read Next Story